अच्छी हेल्थ के लिए आपने इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे के बारे में पढ़ा होगा। इंटरमिटेंट फास्टिंग में कुछ वक्त के गैप के बाद खाना खाया जाता है। फास्टिंग के साथ नया टर्म इंटरमिटेंट एक्सर्साइज भी चर्चा में है। इंटरमिटेंट एक्सर्साइज का यह मतलब नहीं कि आप पूरे दिन जिम में गुजार दें बल्कि पूरे दिन वर्कआउट इंटरमिटेंट एक्सर्साइज का जस्ट ऑपोजिट होता है।
ऐसे वर्कआउट जो शुरू किए जाते हैं और फिर बंद कर दिए जाते हैं इनके बजाय इंटरमिटेंट फास्टिंग इस वक्त काफी ट्रेंड में है। इसमें हम अपने डेली रूटीन के साथ कुछ वर्कआउट करते जाते हैं जैसे- सुबह के वक्त कुछ कोर एक्सर्साइज, लंच के बाद छोटी सी वॉक और शाम को घर पर ही 10 मिनट का बॉडीवेट वर्कआउट। इतना करके ही आप फिट रह सकते हैं।
बैठे रहना है खतरनाक
जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियॉलजी में जनवरी 2011 में छपी एक स्टडी के मुताबिक आप कितने भी फिजिकली ऐक्टिव हों, अगर आप टीवी या कंप्यूटर के सामने 2 घंटे भी बैठे रहते हैं तो आप अपनी हेल्थ गंभीर रूप से खराब कर रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो हफ्ते में कुछ दिन आप भले ही जिम चले जाएं लेकिन दिन में ज्यादातर वक्त बैठे रहना आपकी हेल्थ के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है।
इस लिहाज से देखा जाए तो इंटरमिटेंट एक्सर्साइज काफी आसान है और यह आपकी बैठे रहने वाले टाइम का पर्फेक्ट यूज है। यह उन लोगों के लिए बहुत सही है जिनका वजन बढ़ता जा रहा है और वे जिम जाना भी पसंद नहीं करते।
टुकड़ों में एक्सर्साइज के हैं ज्यादा फायदे
रिसर्च कहती है कि छोटे-छोटे हिस्सों में एक्सर्साइज करना ज्यादा बेहतर बजाय लंबे वक्त तक जिम में रहने के। खासतौर पर मोटे और आरामतलब लोगों के लिए। इसे करना भी आसान होता है।
अगर जनरल एक्सर्साइज गाइडलाइन को देखें तो किसी भी इंसान को हफ्ते में 150 मिनट एक्सर्साइज करनी चाहिए। अगर आप इसे 5 दिन में बांटें तो हर दिन सिर्फ आधे घंटा होता है।
जिन लोगों को एक साथ आधे घंटे का टाइम निकालने में मुश्किल होते है वे दिन में 3 बार 10 मिनट निकाल सकते हैं। आपको बस अपनी दिनभर की ऐक्टिविटीज के साथ कुछ न कुछ फिजिकल ऐक्टिविटी जोड़नी है और आप हेल्दी लाइफ की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।