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बनावट और स्ट्रेचिंग
बात इंटरकोर्स की हो, पीरियड्स के दौरान टैंपॉन लगाने की हो, सेक्स टॉय का यूज करने की हो या फिर चाइल्ड बर्थ से जुड़ी हो। वजाइना इन सभी प्रॉसेस के दौरान अपने आकार को बढ़ा लेती है जबकि इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद यह वापस अपने आकार में आ जाती है।
उत्तेजना के वक्त भी
ऊपर बताई गई स्थितियों से अलग भी एक वक्त ऐसा होता है, जब वजाइना अपने आकार को नैचरल तरीके से बड़ा कर लेती है और यह होता है सेक्स के दौरान फॉरप्ले और उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुंचने पर।
इस तरह बढ़ता है साइज
उत्तेजना के वक्त वजाइना का ऊपरी भाग कुछ लंबा और बड़ा हो जाता है। जिस तरह पीनिस का साइज बढ़ता है, उसी तरह वजाइना की डेप्थ भी बढ़ती है। पेनिट्रेशन के दौरान वजाइना की मसल्स फैलती और सिकुड़ती रहती हैं।
ऐसा मानना सही नहीं
कुछ महिलाओं और पुरुषों को लगता है कि अगर सेक्स लाइफ में लंबा ब्रेक लिया जाए तो वजाइना टाइट हो जाती है। लेकिन कई बार महिलाएं लंबे समय बाद सेक्स करने में दर्द के कारण झिझकती हैं।
तब होती है पीड़ा
अगर किसी महिला ने लंबे समय तक किसी भी वजह से सेक्स नहीं किया हो और फिर सेक्स के दौरान किसी कारण से वजाइना में जरूरी चिकनाहट और गीलापन ना होने के कारण भी सेक्स के दौरान दर्द होता है।
तब होता है दर्द
महिलाएं 45 की उम्र के बाद मेनोपॉज की स्थिति से गुजरती हैं। इस दौरान कई हॉर्मोनल चेंजेज के कारण कभी सेक्स की इच्छा नहीं होती तो कभी वजाइना में जरूरी चिकनाहट और गीलापन नहीं आता। इस कारण भी दर्द होता है और टाइटनेस का अहसास हो सकता है।
तब महसूस होता है ऐसा
जो महिलाएं लंबे समय तक सेक्स नहीं करती हैं या अपनी सेक्स लाइफ में बहुत ऐक्टिव नहीं रहती हैं, इस कारण उनकी वजाइना वापस अपने नेचरल साइज में आ जाती है, जिस कारण उन्हें लगता है कि टाइटनेस बढ़ गई है।