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बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को जुकाम, नाक बंद, सिर में दर्द होना, नाक से पानी गिरने की समस्या हो रही है और आप समझ रहे हैं कि यह बदलते मौसम के कारण है तो आपको सावधान होने की जरूरत है क्योंकि यह साइनोसाइटिस बीमारी हो सकती है।

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Sinusitis

इस समस्या के होने पर सिर में, गालों व ऊपर के जबड़े में दर्द होने लगता है। साइनस खोपड़ी में भरी हुई कैविटी होती है। यह सांस द्वारा ली गई गंदगी को बाहर निकालती है और जब किसी प्रॉब्लम के कारण बलगम का निकलना बंद हो जाता है तो साइनोसाइटिस की समस्या हो जाती है।

इस समस्या के कारण सूंघने की शक्ति कमजोर हो जाती है और सांस लेने में भी मुश्किल होने लगती है।आज हम आपको इसके लक्षण और इस समस्या से बचने के तरीके बताएंगे, जिसे इस्तेमाल करके आप स्वस्थ रह सकते हैं।

1. साइनोसाइटिस बीमारी के लक्षण
इस समस्या के होने पर आवाज में बदलाव होने लगता है।
सिर में दर्द और भारीपन होने के साथ हल्का बुखार होने लगता है।
दांतों में दर्द और चेहरे में सूजन होने लगता है।
तनाव की समस्या होने लगती हैं।
नाक से पीला द्रव गिरने की समस्या हो सकती है।
नाक और गले में बलगम रहने लगती है।

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Sinusitis

2. इस तरह करें बचाव
इस से बचने के लिए तैराकी न करें, अगर तैराकी करनी ही है तो नाक ढक लें।
किसी बात की टैंशन न लें और पूरा आराम करें।
अपनी नाक को नमक वाले पानी से साफ करें।
हर रोज 8 से 10 गिलास पानी पीएं
नाक और गले में बलगम न होने दें। सुबह उठते हुए गर्म पानी पीएं क्योंकि गर्म पानी बलगम के प्रवाह में मदद मिलती है।
एलर्जी से बचने के लिए अपने तकिए और बिस्तर की सफाई करते रहें।
ज्यादा खूशबूदार परफ्यूम से बचें।
जुकाम या वायरल इंफेक्शन होने वाले लोगों सो दूर रहें।
सुबह-सुबह ताजी हवा लें।

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