गरमी का मौसम आ गया है. इस मौसम में प्यास खूब लगती है. कई लोग खुला पानी पीने से बेहतर बोतल बंद पानी पीना पसंद करते है. अगर आपको पता चले कि बोतल बंद पानी खुले पानी से ज्यादा खतरनाक है ?. आप सोच रहे होंगे आप सस्ते लोकल ब्रांड का पानी नहीं पीते लोकल बोतल बंद पानी खतरनाक होता होगा.
तो हम बता दें कि बिस्लेरी और एक्वाफिना समेत कई कंपनियों की 93 प्रतिशत बोतलबंद पानी में प्लास्टिक के बारीक कण मिले हैं जो आपकी सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं. यह रिसर्च किसी एक ब्रांड से नहीं किया गया पूरी दुनिया के 11 बड़े ब्रांड्स को इसमें शामिल किया गया है.
बोतल की पानी से ज्यादा साफ नल का पानी है. बोतल के पानी में जो प्लास्टिक का कण मिला है उसे माइक्रोप्लास्टिक कहते हैं. यह रिसर्च न्यूयॉर्क की स्टेट यूनिवर्सिटी ने किया है. इस रिसर्च में इन ब्रांड्स के 27 लॉट में से 259 बोतलों पर टेस्ट किया गया. इसके लिए भारत के दिल्ली, मुंबई समेत दुनिया के 19 शहरों से नमूने चुने गये. इन बोतल की जांच के बाद जो हैरान करने वाला तथ्य सामने आया.
शरीर के लिए हानिकारक
शोध में पाया गया कि लगभग 93 फीसदी बोतल बंद पानी में प्लास्टिक के कण हैं। प्लास्टिक के जो अवशेष पाए गए हैं, उनमें पॉलीप्रोपाइलीन, नायलॉन और पॉलीइथाईलीन टेरेपथालेट शामिल हैं। इन सबका इस्तेमाल बोतल के ढक्कन बनाने में होता है।
शोधकर्ता का मानना है कि पानी में ज्यादातर प्लास्टिक पानी को बोतल में भरते समय आता है। यह बोतल और उसके ढक्कन से आ सकता है जो शरीर के बहुत ही हानिकारक हैं।
5 महाद्वीपों से लिए गए नमूने
शोध में बताया गया कि जो व्यक्ति एक दिन में एक लीटर बोतल बंद पानी पीता है वह प्रतिवर्ष प्लास्टिक के दस हजार तक सूक्ष्म कण ग्रहण करता है। जिन ग्लोबल ब्रैंड्स के सैंपल लिए गए उनमें एक्वाफिना, और बिसलरी भी शामिल हैं।
पांच महाद्वीपों में भारत, ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, केन्या, लेबनान, मेक्सिको, थाईलैंड और अमेरिका से 19 स्थानों से नमूने एकत्र किए गए। बोतल बंद पानी में प्लास्टिक के अदृश्य कणों को देखने के लिए शोध दल ने विशेष डाई और नीली रोशनी का उपयोग किया। शोध के दौरान 100 माइक्रोंस और 6.5 माइक्रोंस के आकार के दूषित कणों की पहचान हुई।
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