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भारत में लोग पीलिया ठीक करने के लिए गधी का दूध पीते हैं। गांव निवासी पशुचरण ने चारा ढोने के लिए गधी को 3500 रुपए में खरीदा था, लेकिन जब उसे पता चला कि गधी का दूध पीने से काला पीलिया का इलाज होता है तो उस दिन से उसने इस दूध को बेचना शुरू कर दिया। उनका दूध बेचने में फायदा तब और अधिक बढ़ गया जब गांव वालों को पता चला कि टीबी जैसी घातक बीमारी भी दूर हो जाती है। हैरानी की बात है कि इसका दाम 700 रुपये प्रति 100 ml है। कोच्चि, पुणे और दिल्ली एनसीआर के कुछ कारोबारियों ने गधी के दूध के गुणों को पहचाना है।

इसमें पोषक तत्वों के साथ चिकित्सीय गुण भी मौजूद होते हैं। इसके साथ ही इस दूध में ऐंटी एजिंग तत्व और ऐंटीऑक्सिडेंट भी पाए जाते हैं। इसीलिए इसका उपयोग ब्यूटी क्रीम, साबुन और शैंपू बनाने के लिए किया जाता है। गधी के दूध से ब्यूटी प्रॉडक्ट बनाने वाली कंपनी डॉल्फिन IBA संस्थापक ऐबी बेबी ने जानकारी देते हुए बताया है कि ‘इस दूध की काफी मांग है। अब लोग बीमारियों के उपचार के लिए भी वे तरीके अपना रहा हैं जो हमारे पूर्वज अपनाया करते थे। इसमें अद्भुत गुण हैं। बच्चों के लिए भी काफी लाभकारी होता है और पेट की बीमारियों के साथ त्वचा की बिमारियों के लिए भी काफी लाभदायी होता है।’

उन्होंने कहा कि, ‘गधी का दूध इंसान के दूध के जितना ही लाभकारी होता है। इसमें विटामिन के साथ जरूरी फैटी एसिड रहते हैं। गाय के दूध के मुकाबले इसमें फैट कम होता है इसलिए यूएन के खाद्य एवं कृषि विभाग ने भी इसे बच्चों के लिए फायदेमंद बताया है और यह गाय के दूध के विकल्प में उपयोग हो सकता है। अमेरिका सहित कई देशों में इसे योग्य खाद्य के रूप में मन्यता दी गई है किन्तु भारत में अभी ऐसा नहीं हो पाया है।’