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मुसीबत किसी को बातकर नहीं आती है। अक्सर कहा जाता है कि मुसीबत में दोस्त ही दोस्त के काम आता है। मुसीबत के समय ही दोस्ती की पहचान होती है। कभी-कभी स्थिति ऐसी आ जाती है कि इंसान के लिए खुद को संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर किसी को खुद को और दूसरों को संभालना आ जाए तो स्थिति को कुछ बेहतर किया जा सकता है। इस दौरान कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे आपका दोस्त सदमे से निकल जाए।

ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखने से न सिर्फ आपके दोस्त को अच्छा लगेगा बल्कि उसे इस सदमे से निकलने में मदद भी मिलेगी। दुख की घड़ी में अपने दोस्तो का ख्याल कैसे रखना चाहिए, आइए जानते हैं।

साहसी बनने के लिए न कहें…

इस तरह की सिचुएशन में तुंरत उन्हें साहसी बनने और आगे बढऩे की सलाह न करें। अक्सर लोग दिलासा देने के चक्कर में यह कह देते हैं कि ‘जो होता है अच्छे के लिए होता है’ या ‘सब ठीक हो जाएगा।’ मगर इससे उनका दुख कम होने की बजाए और भी बढ़ सकता है।

साथ समय बिताए…

मुसीबत के समय अपने दोस्त के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताए। उनका ध्यान इधर-उधर लगाने की कोशिश करें। हालांकि लोगों को दुख से उभरने में महीनों तक लग जाते हैं लेकिन उन्हें अहसास करवाए कि आप हमेशा उनके साथ है। इससे उन्हें दुख भुलाने में मदद मिलेगी। उन्हें बाहर घुमाने ले जाएं, लेकिन जबरदस्ती बिल्कुल न करें।

खामोशी से काम लें…
अगर आपके किसी दोस्त ने करीबी को खोया है तो उसके सामने कोई गलत या फालतू की बात न करें। ऐसी स्थिति में समझदारी और खामोशी से काम लें। हालांकि उनसे यह भी पूछ लें कि उन्हें किसी चीज की जरूरत तो नहीं है। इससे उसे यह अहसास होगा कि आप हर मुश्किल घड़ी में उसके साथ है।

प्रोफेशनल की सलाह लें…
कुछ लोग समय बीत जाने के बाद भी अपने गम से बाहर नहीं आ पाते। वह अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं और लोगों से मेल-जोल खत्म कर देते हैं। ऐसे में आप उन्हें किसी प्रोफेशनल के पास ले जाए।