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पुरुषों की तुलना में महिलाओं को थायरॉइड की समस्या ज्यादा होती है। बढ़ती उम्र के साथ इसके बढऩे का खतरा ज्यादा होता है। थायरॉइड के कारण महिलाओं में मेटाबॉलिज्म की दर धीमी पड़ जाती है। इसका मतलब यह कि आप जो खाना खाती हैं, उसका आपकी एनर्जी की आवश्यकताओं के लिए उचित तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। आपकी बॉडी में फैट का जमाव और वजन बढऩा शुरू हो जाता है।
जब थायरॉइड अंडरएक्टिव होता है तो शरीर को पर्याप्त एनर्जी नहीं मिलती, जिसके कारण नींद आती रहती हैं। यहां तक कि जरा सा शारीरिक श्रम करने पर भी व्यक्ति बहुत ज्यादा थका हुआ महसूस करता है। हायपरथायरॉइड से पीड़ित लोगों में मांसपेशी और जोड़ों में दर्द हो सकता है, खासकर बांह और पैर में।’
थायरॉइड में इनका न करें सेवन
तला भुना खाना
डॉक्टर थायरॉइड हार्मोन को बनाने वाला ड्रग देता है। तला हुए खाने से दवा का असर कम हो जाता है।
चीनी
ज्यादा चीनी या चीनीयुक्त पकवानों को खाने से बचें।
कॉफी
ज्यादा कॉफी पीने से इसमें मौजूद एपिनेफ्रीन और नोरेपिनेफ्रीन थायरॉइड को बढ़ावा देते हैं।
गोभी से बचें
थायरॉइड के इलाज के दौरान बंदगोभी और ब्रोकोली खाने से बचें।
ग्लूटेन
इसमें ऐसे प्रोटीन होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं। इसीलिए, थायरॉइड होने पर इसे पूरी तरह अवॉइड करें।
सोया
हाइपोथायरॉइडिजम के इलाज के दौरान सोया नहीं खाना चाहिए लेकिन थायरॉइड की दवाई लेने के 4 घंटे बाद खा सकते हैं।
दवा न खाने पर नई बीमारी होने का खतरा
अगर थाइरॉयड के मरीज रोजाना दवा का सेवन नहीं करते तो उन्हें कई तरह की नई बीमारियों का सामना करना प सकता है।
ब्लड प्रेशर
दवा नियमित न लेने पर ब्लड प्रेशर कभी बढ़ या कभी घट सकता है। यानी ब्लडप्रेशर अनियमित हो सकता है।
बुखार
थायरॉइड की दवा शरीर में हारमोन को संतुलित करती है। दवा नहीं लेने पर शरीर में असामान्य बदलाव होते हैं। नतीजतन अकसर बुखार बना रह सकता है।
थकान
शरीर में थकान बनी रहती है। थकन के कारण ही शरीर में बुखार का एहसास बना रहता है।
तनाव
मरीज तनाव से घिर सकता है। यह तनाव आसानी से दूर नहीं जाता।
याद्दाश्त
रोजाना दवा न लेने पर मरीज को याद्दाश्त सम्बंधी समस्या हो जाती है।
कॉलेस्ट्रॉल
थाइरॉयड की दवाओं का सेवन न करने से कॉलेस्ट्रॉल का स्तर भी प्रभावित होता है।
वजन बना
थाइरॉयड के मरीज अकसर मोटे होते हैं। लेकिन जो लोग दवा नहीं लेते, वे असामान्य रूप से मोटे हो जाते हैं फिर उनका वजन घटाया भी नहीं जा सकता है।
इनफर्टिलिटी
मरीज को थाइरॉयड की दवा का सेवन इसलिए भी करना चाहिए ताकि उसकी फर्टिलिटी बनी रहे।
गर्भपात
थाइरॉयड से ग्रस्त गर्भवती को दवा जरूर लेनी चाहिए। ऐसा न करने पर गर्भपात हो सकता है। शिशु भी इसी बीमारी से पीति हो सकता है।