भारत के 63% कर्मचारी मोटापे का शिकार हैं, यह पता चला है हाल ही में आए एक सर्वे में। हेल्थ और फिटनेस ऐप हेल्दी फाई मी ने कॉरपोरेट इंडिया के फिटनेस लेवल पर एक सर्वे किया, जिसमें 63 प्रतिशत कार्यकारी (एग्जिक्यूटिव) 23 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के साथ अधिक वजन वाले हैं। इस रिपोर्ट में 12 महीने की अवधि के दौरान 20 से अधिक कंपनियों में करीब 60,000 कर्मचारियों की ऐक्टिविटीज और फूड हैबिट्स पर नजर रखी गई। यह सर्वे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता जैसे महानगरों के साथ झागड़िया, खंडाला व वापी जैसे दूरस्थ स्थानों में कारखानों में काम करने वाले कर्मचारी, सेल्स प्रफेशनल, आईटी प्रोफेशनल और बैंकर्स पर भी किया गया।
सर्विस सेक्टर में काम करने वाले हैं कम ऐक्टिव
इस स्टडी के अनुसार, प्रॉडक्शन से जुड़े सेक्टरों में काम करने वाले लोग सर्विस सेक्टर में काम करने वाले लोगों से ज्यादा ऐक्टिव होते हैं। जबकि स्टडी में इस बात का भी खुलासा है कि कॉरपोरेट जगत में काम करने वाले कर्मचारी वीकेंड के दिनों में ज्यादा सुस्त हो जाते हैं। स्टडी की मुताबिक, इन दिनों ये लोग जिम जाना छोड़ देते हैं। फिर होता यह है कि कैलरी बर्न होने की क्वांटिटी 300 से घट कर 200 तक पहुंच जाती है।
ऑफिस में खुद को रखें फिट
‘हेल्दी मी’ के सीईओ और को-फांउडर तुषार वशिष्ठ के मुताबिक, जिस तरह से आंकड़ें सामने आ रहे हैं, यह बिल्कुल भी एक बेहतर संकेत नहीं है। आज सर्विस सेक्टर में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी फिट नहीं हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि नियम से एक्सरसाइज और फिजिकल ऐक्टिविटी जैसे कि रोजाना टहलना, दौड़ना, तैराकी आपको फिट रख सकता है। इसके अलावा आप ऑफिस में कुछ मिनट निकालकर योग या बाहर टहलकर आ सकते हैं, क्योंकि वर्क प्लेस पर खुद को ऐक्टिव रखना काफी महत्वपूर्ण होता है।
वजन घटाना हो जाएगा आसान
- जो भी खाएं उसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो। वजन बढ़ने की यह खास वजह होती है।
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जब भूख लगे, तो पेट भरकर खाएं. लेकिन कार्बोहाइड्रेट घटाने के साथ ही फैट कम न करें। कम मात्रा में मक्खन और घी ले सकते हैं।
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प्रॉसेस्ड और लो-कार्ब फूड खाने से परहेज करें।
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कुछ भी ऐसा न खाएं, जिसमें आर्टिफिशियल शुगर हो। इसके सेवन से एक ओर जहां वजन बढ़ता है, वहीं ऐसी चीजें मीठे को लेकर क्रेविंग बढ़ाने का भी काम करती हैं। वैसे भी मीठा हेल्थ को कई तरह से नुकसान देता है।
75% महिलाएं मोटापे की चपेट में इसलिए हैं
शहरों में रहने वाली 25 से 50 उम्र की 75 फीसदी कामकाजी महिलाएं मोटी हैं। Health.dot.com ने एक सर्वे के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है। सर्वे के दौरान अधिकतर महिलाओं ने कहा कि वे 8 से 9 घंटे कंप्यूटर पर काम करती हैं। इस दौरान वे मुश्किल से दो से तीन बार उठती हैं, वह भी कैंटीन तक चाय या कॉफी लेने के लिए। स्टडी में यह निकलकर आया कि मोटापा बढ़ने की खास कारणों में अधिक देर तक बैठकर काम करना और हेल्दी फूड न लेना है। अधिकतर महिलाओं में गलत लाइफस्टाइल फॉलो करना, वर्क प्रेशर और एक्सर्साइज न कर पाना और अनहेल्दी फूड खाना वेट बढ़ने की खास वजह पाई गई।