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7 गुना ज्यादा खतरा ‘इकलौते बच्चे’ का मोटापे का शिकार होने का: स्टडी

यह बात तो हम सभी जानते हैं और मानते भी हैं कि अगर बच्चा इकलौता हो तो वह भाई-बहन वाले बच्चों की तुलना में ज्यादा लाड़-प्यार से पला होता है। जाहिर सी बात है मां-बाप का सारा प्यार उसी इकलौते बच्चे को ही मिलता है, लिहाजा इस वजह से कई बार बच्चा थोड़ा जिद्दी भी हो जाता है। लेकिन अब एक रिसर्च ने इसमें एक नया ऐंगल जोड़ दिया है। अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो वैसे बच्चे जो इकलौते होते हैं, उनका वजन बढ़ने और मोटापे का शिकार होने की आशंका अधिक होती है उन बच्चों की तुलना में जिनके भाई-बहन होते हैं।

युवाओं में मोटापा दिखने की आशंका 7 गुना अधिक

इस बात को साबित करने के लिए एक स्टडी की गई जिसके नतीजे बताते हैं कि वैसे परिवार जिनमें एक से ज्यादा बच्चा होता है वे ज्यादा हेल्दी ईटिंग की आदत को अपनाते हैं उन परिवारों की तुलना में जहां सिंगल चाइल्ड यानी इकलौता बच्चा होता है। न्यूट्रिशन एजुकेशन ऐंड बिहेवियर नाम के जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में यह भी कहा गया कि इस तरह का मोटापा, युवाओं में 7 गुना ज्यादा देखने को मिलता है।

3 दिन तक डेली फूड लॉग के डेटा की हुई जांच
इस स्टडी के तहत अनुसंधानकर्ताओं ने मांओं द्वारा 3 दिन तक डेली फूड लॉग के डेटा की जांच की जिसमें 2 वीकडे और एक वीकेंड डे का दिन शामिल था। साथ ही साथ टीचर्स ने भी बच्चों ने स्कूल में क्या खाया इस बात का लॉग रखा। साथ ही साथ मांओं ने फैमिली न्यूट्रिशन और फिजिकल ऐक्टिविटी के क्वेश्चनेयर के जरिए खाने पीने के मामले में अपने परिवार की आदतों के बारे में जानकारी दी।

मांओं के भी खुद मोटापा का शिकार होने का खतरा
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि अगर परिवार में सिंगल चाइल्ड यानी इकलौता बच्चा है तो उस परिवार का हेल्दी ईटिंग प्रैक्टिस, पेय पदार्थों की चॉइस और टोटल हेल्दी ईटिंग इंडेक्स का स्कोर कम था। रिसर्च में ये भी पाया कि सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि इकलौते बच्चों की मांएं भी खुद मोटापे का शिकार पायी गईं।