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आपने अक्सर बच्चे के जन्म पर परिवार के बुजुर्गों को उन्हें सौ साल तक जीने का आर्शीवाद देते हुए सुना होगा, पर क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान के पहाड़ी इलाके में एक जगह ऐसी है जहां हुंजा कम्युनिटी के लोग रहते हैं, वो ये सुन कर हंसते होंगे, क्योंकि उनकी औसत उम्र ही है 120 साल। इतना ही नहीं इस समुदाय की महिलायें 65 साल और पुरुष 90 साल की उम्र तक माता पिता बनने की क्षमता रखते हैं। आइये जाने इस समुदाय के लोगों के बारे कुछ और रोचक बातें।

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उत्तरी पाकिस्तान के पहाड़ी इलाके में करीब 87000 की आबादी वाला एक छोटा सा क्षेत्र है जिसमें हुंजा कम्युनिटी के लोग रहते हैं। ये लोग आज भी प्राकृतिक संसाधनों से अपना जीवन चलाते हैं। इस समुदाय के लोगों की होती है जबकि विशेष परिस्घ्थितियों में कोई कोई इंसान 160 साल तक भी जीवित रहता है। कहते हैं एक बार ब्रिटिश एयरवेज ने एक हुंजा समाज के व्यक्ति को वीजा देने में परेशानी जतायी क्योंकि पासपोर्ट पर उसकी जन्मतिथि 1832 लिखी हुई थी। एक ही परिवार में आपको 95 साल तक के पिता और 75 साल के बेटे का मिलना सामान्य बात है।

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दरसल हुंजा कम्युनिटी की इस लंबी आयु का राज उनकी जीवनशैली में ही छिपा है जो पूरी तरह प्राकृतिक साधनों पर निर्भर है। ये लोग पूरी तरह शुद्ध दूध, फल, मक्खन आदि का इस्तेमाल करते हैं। आज भी इनके समाज में कैमिकल बेस्घ्ड मॉर्डन पेस्टिसाइड को बगीचों और खेतों में छिड़कना प्रतिबंधित है। हुंजा लोग खास तौर पर जौ, बाजरा, कुट्टू और गेहूं का ही खाने में प्रयोग करते हैं।

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यहाँ के लोग दिन में केवल दो बार ही खाना खाते हैं। पहली बार वो दिन में 12 बजे खाना खाते हैं और फिर रात को। इनका खाना पूरी तरह नेचुरल होता है। इसमें किसी तरह का कैमिकल नहीं मिलाया जाता। इनका दूध, फल, मक्खन सब चीजें प्योर होती हैं। गार्डन में पेस्टिसाइड स्प्रे करना इस घाटी में बैन है। इस घाटी के लोग खासकर खुद से उगाई हुई चीजें खाते हैं जिनमे जौ, बाजरा, कुट्टू और गेहूं प्रमुख है।

हुंजा घाटीइनके अलावा आलू, मटर, गाजर, शलजम, दूध जैसी चीजें भी ये बहुत खाते हैं। यहाँ के लोग मांस खाना बहुत कम पसंद करते हैं। हुंजा के लोग शून्य के भी नीचे के तापमान पर बर्फ के ठंडे पानी में नहाते हैं। ये लोग वही खाना खाते हैं जो ये खुद उगाते हैं।

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आबादी की लिहाज से हुंजा समुदाय के लोग भले गिनती में कम हों, लेकिन इन्हें दुनिया के सबसे लम्बी उम्र वाले, खुश रहने वाले और स्वस्थ लोगों में गिना जाता है. हुंजा कम्युनिटी की एक और खासियत है कि यह दुनिया की अकेली के कैंसर फ्री पापुलेशन है . आजतक एक भी हुंजा शख्स कैंसर का शिकार नहीं हुआ है. इन लोगों ने अपनी जिन्दगी में कभी कैंसर का नाम तक नहीं सुना है. हैरानी वाली बात यह है कि हुंजा फीमेल्स 65 की उम्र में भी बच्चे पैदा कर सकती हैं. ।

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इस समुदाय के लोग कैंसर और ट्यूमर जैसी बीमारियों के बारे में जानते ही नहीं हैं क्योंकि इनका भोजन और जीवन शैली इस का शिकार होने ही नहीं देती। ये लोग बहुत ज्यादा पैदल चलते हैं। एक दिन में लगभग 15 से 20 किलामीटर, जबकि अच्छे सा अच्छा जिम आपको 3 किलोमीटर से ज्घ्यादा कार्डियो नहीं करने देता। इसके अलावा साल के चार पांच महीनों में ये लोग पारंपरिक कारणों से खाना बिलकुल छोड़ कर सिर्फ लिक्वििड डाइट पर ही रहते हैं।

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पूरी तरह मुस्लिम परंपराओं का पालन करने वाले बेहद खूबसूरत हुंजा लोग खुद को सिकंदर महान का वशंज बताते हैं। ये लोग अपने ही समुदाय में शादियां करते हैं। यही वजह है कि सदियों से इनका समुदाय इस छोटे से इलाके में सीमित है।