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लाइफस्टाइल– जीवन मे कई उतार चढ़ाव देंखने को मिलते हैं। लेकिन विवाह इस संसार का सबसे सुंदर रूप माना गया है। कहते हैं विवाह में दो लोगों का मिलन होता है। दो परिवार एक साथ आते हैं और अपने विचारों को साझा करते हुए एक दूसरे के संबंधी बनते हैं। वहीं कामसूत्र ग्रन्थ में विवाह के परिपेक्ष्य में कई बड़े राज खोले गए हैं।

आचार्य वात्स्यायन ने स्त्रियों को सचेत करते हुए कहा है कि अगर कोई पुरूष अपने स्वभाव में जबरन रिश्ता बनाने का भाव रखता। आपसे पहली मुलाकात में ही अश्लीलता भरी बातें करता है। स्त्री की मर्जी जानें बिना उसके साथ सेक्स करता है। बिना अनुमति के आपको स्पर्श करने के लिए व्याकुल होता है। तो स्त्री को ऐसे पुरुषों से सावधान रहना चाहिए और इनसे कभी शादी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि यह पुरूष स्त्री को भोग की वस्तु समझते हैं और असुरिय स्वभाव के होते हैं।
आचार्य वात्स्यायन का कहना है जो पुरूष आपसे प्यार का दावा करता है लेकिन शादी के नाम से दूर भागता है। बार – बार आपको टहलता है। बहाने बनाता है। शराब का सेवन करता है। जुआ खेलता है। स्त्रियों को हीन भाव से देखता है। उसके बच्चे हैं। एक पत्नी के देहांत के बाद दूसरे विवाह की इच्छा रखता है। स्त्री को इन सभी प्रकार के पुरुषों से सावधान रहने की आवश्यकता है। यह स्त्री के सम्मान के लिए कभी नहीं खड़े होते और उनको सिर्फ अपनी जरूरत के लिए इस्तेमाल करते हैं। इन स्वभाव के लोग विवाह योग्य नहीं होते हैं।