हर इंसान जीवन में थोड़ा-बहुत परेशान होता है लेकिन एक साथ ऐसी स्थिति है जिसमें कई मेंटल कंडिशंस एक साथ होती हैं। इस सिचुएशन में इंसान को बहुत घबराहट, चिंता होती है और वे छोटी बात पर भी बेचैन हो जाते हैं। अब एक नई रिसर्च से पता चला है कि पैनिक अटैक्स और ऐंग्जाइटी डिसऑर्डर्स का जवाब हमारी कोशिका को ऊर्जा देने वाला माइटोकॉन्ड्रिया में है।
माइटोकॉन्ड्रिया कोशिकाओं को काम करने के लिए ऊर्जा देते हैं। लेकिन जब कभी इंसानों या चूहों में ज्यादा स्ट्रेस होता है तो यह ऐक्टिविटी डिस्टर्ब हो जाती है। यह नतीजे जर्नल PLOS Genetics में छपे थे।
जीवन में तनाव देने वाले कुछ मुद्दे जैसे तलाक, बेरोजगारी, प्यार का बिछड़ना या फिर युद्ध वगैरह पैनिक अटैक्ट्स और ऐंग्जाइटी पैदा करने वाले मुख्य फैक्टर्स हैं।
ऐसा हर इंसान के साथ नहीं होता कि उसके जीवन में तनाव आए और उसको यह डिसऑर्डर हो जाए, हालांकि वैज्ञानिक उनक फैक्टर्स का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कुछ लोगों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है और कुछ लोग अप्रभावित रहते हैं।
एक एक्सपेरिमेंट में उन्होंने चूहों को स्ट्रेस दिया और उनके ब्रेन सेल्स में के माइटोकॉन्ड्रिया में कई बदलाव देखे गए। इसके बाद पैनिक डिसऑर्डर के मरीजों के ब्लड सैंपल पैनिक डिसऑर्डर के बाद लिए गए इसमें भी माइटोकॉन्ड्रिया पाथवे अलग आया। इससे यह पता चला कि सेल्युलर एनर्जी मेटाबॉलिजम में बदलाव जानवरों और इंसानों में स्ट्रेस के रिस्पॉन्स का सिमिलर तरीका है।
-यहां देखें ऐंग्जाइटी डिसऑर्डर के कुछ लक्षण
-नर्वसनेस या उलझन महसूस करना
-तेज सांस चलना
-कांपना
-हर वक्त थका महसूस करना
-चिंता पर कंट्रोल न कर पाना
-नींद न आना