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ज़ाइडस लाइफसाइंसेस लिमिटेड ने बुधवार (23 अक्टूबर, 2024) को घोषणा की कि उसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अपने टाइफाइड Vi संयुग्मक टीके, ZyVac TCV के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो गई है, जिससे यह संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों द्वारा खरीद के लिए योग्य हो गया है। ज़ाइडस बायोटेक पार्क, अहमदाबाद में स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित ZyVac TCV, 6 महीने से 65 साल के आयु वर्ग में साल्मोनेला टाइफी संक्रमण के खिलाफ सक्रिय प्रतिरक्षण के लिए संकेतित है, जैसा कि ज़ाइडस लाइफसाइंसेस ने एक नियामक फाइलिंग में कहा है। यह प्री-क्वालिफिकेशन ZyVac TCV को संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के खरीद कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए योग्य बनाता है। कंपनी ने कहा कि सालाना 150 मिलियन से अधिक खुराक टाइफाइड संयुग्मक टीके की संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा उन भौगोलिक क्षेत्रों में इस संक्रामक बीमारी को रोकने के लिए खरीदी जाती है जहाँ यह सबसे अधिक प्रचलित है, जैसे कि भारत, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया। दक्षिण एशियाई क्षेत्र में, भारत अकेले टाइफाइड बुखार के कारण होने वाली घटनाओं और मृत्यु दर का 75% योगदान देता है। यह घोषणा वैश्विक स्वास्थ्य और भारत में टाइफाइड नियंत्रण के प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। आइए इस महत्वपूर्ण विकास पर गौर करें।

ZyVac TCV: एक क्रांतिकारी टाइफाइड टीका

WHO की स्वीकृति का महत्व

विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्री-क्वालिफिकेशन प्राप्त करना ZyVac TCV के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा खरीद के लिए पात्रता सुनिश्चित करता है, जिससे दुनिया भर के उन देशों में टाइफाइड से बचाव के प्रयासों में इसका व्यापक उपयोग हो सकता है जहां यह बीमारी सबसे अधिक प्रचलित है। WHO की मान्यता टीके की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता की वैश्विक मानकों पर पूर्ति की गारंटी देती है। इससे भरोसा बढ़ता है और बड़े स्तर पर वितरण की सुविधा मिलती है।

स्वदेशी विकास और निर्माण का महत्व

ZyVac TCV का स्वदेशी विकास और अहमदाबाद में निर्माण भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे न केवल देश में वैक्सीन निर्माण क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में भी योगदान होगा। यह भारत की बढ़ती दवा निर्माण क्षमता का प्रमाण है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है। इससे नौकरी के अवसरों में वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक विकास में भी योगदान होगा।

टाइफाइड के खिलाफ लड़ाई में ZyVac TCV की भूमिका

वैश्विक प्रभाव

टाइफाइड एक गंभीर बीमारी है जो हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है। ZyVac TCV जैसी प्रभावी और सुलभ टीकों की उपलब्धता इस बीमारी को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी। यह खास तौर से उन विकासशील देशों के लिए फायदेमंद होगा जहां टाइफाइड का बोझ सबसे ज्यादा है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा खरीद की योग्यता के कारण टीके की पहुँच दूर-दराज के इलाकों तक भी सुनिश्चित हो सकेगी जहाँ स्वास्थ्य सेवा की सुविधाएं सीमित हैं।

भारत में टाइफाइड का बोझ

भारत में टाइफाइड बुखार की समस्या बहुत गंभीर है। देश में इस बीमारी से होने वाली मृत्यु और बीमारी का आंकड़ा बहुत अधिक है। ZyVac TCV का विकास और उपलब्धता इस समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह टीका भारत में टाइफाइड से होने वाली मौतों और बीमारियों की संख्या को कम करने में मददगार साबित होगा और देश के सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

ZyVac TCV का भविष्य और संभावनाएं

भविष्य की योजनाएं

ज़ाइडस लाइफसाइंसेस ने टीके के भविष्य के वितरण और उपलब्धता के लिए विस्तृत योजनाएं बनाई होंगी। इसमें संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ सहयोग, बुनियादी ढांचे का विस्तार और उत्पादन क्षमता में वृद्धि शामिल हो सकती है। इसके अतिरिक्त, कंपनी संभावित रूप से नए बाजारों तक पहुँचने और अन्य वैक्सीन विकास परियोजनाओं पर भी काम कर सकती है। वैक्सीन की उपलब्धता में वृद्धि से गरीब देशों में भी टाइफाइड से बचाव संभव हो पाएगा।

वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में योगदान

ZyVac TCV का विकास और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसकी स्वीकृति वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान है। यह दर्शाता है कि कैसे भारत जैसा देश वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह न केवल टाइफाइड से लड़ने के लिए एक प्रभावी उपकरण प्रदान करता है बल्कि वैक्सीन विकास और वितरण के लिए एक मॉडल भी स्थापित करता है, जो दुनिया भर के अन्य देशों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम कर सकता है।

मुख्य बातें:

  • ZyVac TCV, एक स्वदेशी रूप से विकसित टाइफाइड संयुग्मक टीका, को WHO से प्री-क्वालिफिकेशन मिला है।
  • यह संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों द्वारा खरीद के लिए योग्य बनाता है, जिससे दुनिया भर में टाइफाइड रोकथाम के प्रयासों में मदद मिलेगी।
  • यह भारत की बढ़ती वैक्सीन निर्माण क्षमता और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा में इसके योगदान को दर्शाता है।
  • टाइफाइड से प्रभावित देशों, खासकर भारत में, ZyVac TCV की उपलब्धता एक बड़ा बदलाव लाएगी।