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हेल्थ:- कई बार हम देखते हैं कि सुविधाओं के अभाव के कारण अस्पतालों में मरीजो को काफी परेशानियों को झेलना पड़ता है। वही अगर हम बात दिव्यंगों की करे तो अस्पतालों में उनकी सुविधा के हिसाब से फैसिलिटी नही होती है। लेकिन अब से दिव्यांगों को किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी। क्योंकि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर नए मानक तैयार किए हैं। केंद्र सरकार के इन नए मानकों के अनुसार अब अस्पतालों में दिव्यंगों के अनुसार सुविधाओं को लागू किया जाएगा। 

केंद्र के इस निर्णय को लेकर सामने आई रिपोर्ट के अनुसार अब किसी भी दिव्यांग व्यक्ति के साथ उसकी दिव्यांगता को लेकर भेदभाव नही होना चाहिए। यह वास्तव में अस्वीकृत है। उन्हें सार्वजनिक जगहों पर सुविधाएं मिलनी चाहिए जिसके चलते वह उनका लाभ उठा सके। जानकारी के लिए बता दें साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में करीब 2.68 करोड़ लोग दिव्यांग हैं जो कुल आबादी का करीब 2.21 फीसदी हिस्सा है। ऐसे में दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर नए मानक तय किए हैं जिन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने दिव्यंगों को सुविधाएं दिलाने हेतु एक समिति गठित करने का विचार किया है। इस समिति की निगरानी स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण कर रहे हैं। इस समिति में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनील कुमार, संयुक्त सचिव डॉ. हरमीत सिंह,मुंबई से डॉ. अनिल कुमार गौड़, पांडिचेरी से डॉ. नवीन कुमार, एम्स पटना से डॉ.संजय कुमार पांडेय और नई दिल्ली स्थित सीपीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ वास्तुकार अभिषेक बॉस शामिल हैं। 
केंद्र सरकार के नए नियमों के कारण अब अस्पतालों में दिव्यंगों के हित को ध्यान में रखकर वाहन पार्किंग से लेकर प्रवेश कक्ष, ओपीडी कक्ष, वार्ड और जांच केंद्रों में दिव्यांगों को ध्यान में रखते हुए बदलाव किए जाएंगें। इसके अलावा अस्पताल में प्रवेश करने के बाद दिव्यांगों के लिए बैठक, व्हीलचेयर, सहायक कर्मी होना चाहिए।