आध्यत्मिक- व्यक्ति अपने दाम्पत्य जीवन मे हमेशा खुश रहने का प्रयास करता है। लोगों की यही अभिलाषा होती है कि शादी के बाद हमारा जीवन खुशहाल रहे और हमारे घर मे सुख समृद्धि का वास हो। लेकिन कई बार हमारे व्यवहार को लेकर हमारा दाम्पत्य जीवन समस्याओं में आ जाता है और स्थिति यह हो जाती है कि हमारा रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता है।
वहीं आचार्य चाणक्य ने सुखी दाम्पत्य जीवन के परिपेक्ष्य में कुछ विशेष नियम बताए हैं। आचार्य चाणक्य का कहना है कि यदि आप इन विशेष नियमों का पालन करते हैं तो आपका दाम्पत्य जीवन सुखी हो जाता है।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति अपने पार्टनर के गुण देखकर उसके साथ रहता है तो उसे अपने जीवन मे समस्या से नहीं जूझना पड़ता है और ऐसे पार्टनर आपको समझते हैं। वहीं आपको सदैव अपने पार्टनर के संस्कार देंखने चाहिए। क्योंकि अगर आपका पार्टनर संस्कारी है तो वह आपके घर परिवार को जोड़कर रखेगा।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक व्यक्ति को अपने पार्टनर के साथ प्रत्येक विकट परिस्थितियों में खड़ा होना चाहिए और उसके सुख दुख का साथी बनना चाहिए। क्योंकि जब आप अपने पार्टनर का साथ देते हैं और आपका पार्टनर आपके परिवार के साथ मिलकर रहना जानता है। तो आपको अपने जीवन मे कभी समस्याओं से नहीं जूझना पड़ता और आपका दाम्पत्य जीवन सुखमय रहता है।