आखिरी बार आप अपने दोस्तों के साथ कब बैठे थे? याद नहीं! आप कहेंगे कि थोड़ी देर पहले ही तो सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीर को लाइक किया था। ऐसा करने वाले शायद आप अकेले नहीं हैं, जिनकी दोस्ती-रिश्ते मोबाइल तक सीमित हो गए हैं। हम एक टच से अनजानों को भी ‘फ्रैंड लिस्ट’ में तो जोड़ रहे हैं, लेकिन हम खुद तक ही सीमित होते जा रहे हैं। इसका असर हमारे रिश्तों पर ही नहीं बल्कि सेहत पर भी दिखने लगा है। हालांकि कई अध्ययन बताते हैं कि डॉक्टरों से दूर रहना है, तो दोस्तों के करीब रहिए।
जादू की झप्पी से दूर होगा जुकाम :
जादू की झप्पी का कमाल तो आप जानते ही हैं। अमेरिका के पिट्सबर्ग स्थित कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय के शोध की मानें तो दोस्तों से गले मिलने से आप खांसी जुकाम से भी दूर रह सकते हैं। शोध के मुताबिक जो लोग ज्यादा तनाव लेने की वजह से खांसी-जुकाम या किसी अन्य संक्रमण का शिकार हो जाते हैं। उन्हें दोस्तों का साथ मिलने से काफी फायदा होता है।
बुढापे में नहीं बनेंगे भुलक्कड़ :
दोस्तों के साथ रहेंगे, तो बुढ़ापे में भुलक्कड़ नहीं बनेंगे। ये हम नहीं बल्कि लंदन के लॉघबोरोग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है। मुख्य शोधार्थी डॉक्टर ऐफ हॉगवर्स्ट सात साल तक 6,677 लोगों पर अध्ययन करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। उनके मुताबिक आप भले ही लोगों से घिरे रहें, लेकिन बिछड़े हुए पुराने दोस्त अगर दोबारा मिल जाएं या खराब हो चुके रिश्तों में सुधार हो जाए तो डिमेंशिया का खतरा 60 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
जिंदगी खूबसूरत भी होगी और लंबी भी :
अपनों का साथ मिलेगा, तो जिंदगी खूबसूरत तो होगी ही, लेकिन साथ ही आप लंबा जिएंगे। अमेरिका के वर्जिनिया में स्थित जॉर्ज मेसन विश्वविद्यालय ने इसी साल 50 से 79 साल की महिलाओं पर अध्ययन किया। शोध में पाया गया कि जिन महिलाओं का सामाजिक दायरा कम था, उनमें मृत्यु दर अन्य की तुलना में 20 फीसदी ज्यादा थी। दोस्तों के रहने से दिल भी स्वस्थ रहता है।
मोटापे से भी दूर रखते हैं दोस्त :
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल ‘जामा’ में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात भी सामने आई कि दोस्त आपको मोटापे से भी दूर रखने में मदद करते हैं। शोध के मुताबिक अगर आपके दोस्त मोटे हैं, तो आपका वजन भी बढ़ सकता है। अमेरिकी सैनिकों पर यह अध्ययन किया गया, जिसमें पाया गया कि ज्यादा वजन वाले साथियों के साथ तैनात जवानों का भी वजन बढ़ गया।
इसका भी रखें ख्याल :
-अमेरिकन जर्नल फॉर हेल्थ प्रमोशन के हिसाब से सोशल मीडिया पर बिताए जाने वाले समय को कम करना चाहिए, दोस्तों से सोशल मीडिया की जगह मिलकर बात करने से संबंध प्रगाढ़ होंगे
-जर्नल ऑफ बिजनेस एंड साइकोलोजी के अनुसार, घर में बैठकर दफ्तर का काम करने वाले लोग दफ्तर से काम करने वालों की तुलना में ज्यादा चिंतित रहते हैं, इसका कारण अकेलापन है।