बुखार होने के बाद अगर लगातार शरीर में दर्द की शिकायत हो रही हो तो प्लेटलेट्स की जांच करवाना चाहिए। दरअसल प्लेटलेट्स कम होने के लक्षण भी यही होते हैं। चक्कर आना और शरीर में दर्द होना प्लेटलेट्स कम होने की निशानी है। पर, चिंता की जरूरत नहीं है, क्योंकि कुछ चीजों की मदद से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। प्लेटलेट्स छोटी रक्त कोशिकाएं होती हैं, जो खासतौर पर बोनमैरो में पाई जाती हैं। प्लेटलेट्स की कमी इस बात की निशानी है कि खून में बीमारियों से लड़ने की ताकत कम हो रही है। एक स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य प्लेटलेट काउंट 150 हजार से 450 हजार प्रति माइक्रोलीटर होता है। जब यह काउंट 150 हजार प्रति माइक्रोलीटर से नीचे चला जाये तो इसे लो प्लेटलेट माना जाता है।
चुकंदर
प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए चुकंदर को तरह-तरह से अपने खाने में शामिल कीजिए। फिर चाहे उसकी सब्जी बनाइए या जूस पीजिए। एंटीऑक्सीट्डेंट से भरपूर चुकंदर में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए जरूरी सभी गुण होते हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को भी मजबूत बनाता है। ज्यादा लाभ पाने के लिए दो से तीन चम्मच चुकंदर के रस को एक गिलास गाजर के रस में मिलाकर पिएं।
पपीते का पत्ता
साल 2009 में मलेशिया के शोधकर्ताओं ने माना था कि प्लेटलेट्स बढ़ाने में पपीता ही नहीं, उसकी पत्तियां भी मददगार हैं। खासतौर पर डेंगू बुखार के कारण कम हुए प्लेटलेट्स को संतुलित करने में पपीता फायदेमंद होता है। प्लेटलेट्स संतुलित रखने के लिए नियमित रूप से पपीता खाएं। पपीते के पत्तों को पानी में उबालकर उसे ग्रीन टी के रूप में पिएं, ज्यादा फायदा होगा।
आंवला
आंवले में मौजूद विटामिन-सी प्लेटलेट्स का उत्पादन तो बढ़ाता ही है, रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। नियमित रूप से हर सुबह खाली पेट 3 से 4 आंवला खाएं। आंवला इस तरह से नहीं खा पा रहे हैं तो दो चम्मच आंवले के जूस में शहद मिलाकर पिएं।
इन्हें भी आजमाएं
– खाद्य पदार्थों को पका कर खाने की जगह कच्चा ही खाएं।
– कीवी भी प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करती है।
– गाजर का नियमित सेवन करें।
– इलेक्ट्रोलाइट्स और मिनरल्स प्लेटलेट्स बढ़ाने में बेहद मददगार होते हैं। नारियल पानी में यह दोनों ही तत्व प्रचुर मात्रा में होता है।
– बकरी का दूध भी प्लेटलेट्स बढ़ाता है।