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हार्मोनल आईयूडी और स्तन कैंसर का जोखिम: एक विस्तृत विश्लेषण

यह लेख हार्मोनल आईयूडी (इन्ट्रा यूटेराइन डिवाइस) के उपयोग और स्तन कैंसर के जोखिम के बीच के संबंध पर प्रकाश डालता है। हाल ही में हुए अध्ययनों ने इस संबंध को उजागर किया है, जिससे कई महिलाओं में चिंता फैल गई है। हालांकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि समाचारों में दिखाई देने वाले जोखिम के आंकड़े हमेशा पूरी तस्वीर नहीं दिखाते हैं। इस लेख में हम इस विषय का विस्तृत विश्लेषण करेंगे और वास्तविक जोखिम का आकलन करने का प्रयास करेंगे।

हार्मोनल आईयूडी क्या है और इसके फायदे?

हार्मोनल आईयूडी गर्भनिरोधक का एक लोकप्रिय साधन है जो गर्भाशय में रखा जाता है और गर्भधारण को रोकता है। यह लेवोनॉरजेस्ट्रल नामक सिंथेटिक प्रोजेस्टेरॉन को धीरे-धीरे छोड़ता है जो शरीर के प्राकृतिक प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन की नकल करता है। कॉपर आईयूडी के विपरीत, हार्मोनल आईयूडी मासिक धर्म को हल्का और कम दर्दनाक बनाने में भी मदद करते हैं। यही कारण है कि कई महिलाएं गर्भनिरोधक की जरूरत के बिना भी इसे इस्तेमाल करती हैं।

हार्मोनल आईयूडी के लाभ:

  • उच्च गर्भनिरोधक प्रभावशीलता: यह कई वर्षों तक अत्यधिक प्रभावी रूप से गर्भावस्था को रोकता है।
  • हल्का और कम दर्दनाक पीरियड्स: यह मासिक धर्म के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
  • स्थायी प्रभाव: यह कई वर्षों तक लगा रह सकता है और फिर आसानी से निकाला जा सकता है।
  • प्रजनन क्षमता में वापसी: इसे हटाने के बाद प्रजनन क्षमता जल्दी वापस आ जाती है।

हालांकि, कुछ महिलाओं को लगाने में दर्द या शुरुआती महीनों में स्पॉटिंग का अनुभव हो सकता है। फिर भी, अन्य गर्भनिरोधक विधियों की तुलना में, अधिकांश महिलाएं इसे स्वीकार्य पाती हैं और इसका लंबे समय तक उपयोग करती हैं।

अध्ययनों में पाए गए निष्कर्ष और उनकी सीमाएँ

हाल के कुछ अध्ययनों ने हार्मोनल आईयूडी और स्तन कैंसर के बीच एक संबंध दिखाया है। डेनमार्क में हुए एक अध्ययन ने दो दशकों में लगभग 80,000 महिलाओं के डेटा का विश्लेषण किया। शुरुआती निष्कर्षों से ऐसा प्रतीत हुआ कि हार्मोनल आईयूडी स्तन कैंसर से रक्षा करता है, लेकिन यह अध्ययन पूरी तरह से यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण नहीं था, जिसके कारण पूर्वाग्रह की संभावना थी। शोधकर्ताओं ने शिक्षा, आयु, बच्चों की संख्या आदि जैसे कई कारकों को समायोजित किया, जिसके बाद परिणामों ने स्तन कैंसर के थोड़े अधिक जोखिम की ओर इशारा किया।

अध्ययनों की सीमाएँ:

  • गैर-यादृच्छिक चयन: अध्ययन में भाग लेने वाली महिलाओं का चयन यादृच्छिक नहीं था, जिससे पूर्वाग्रह की संभावना बढ़ जाती है।
  • अन्य कारकों का अभाव: अध्ययन ने शारीरिक वजन, शराब का सेवन, धूम्रपान और शारीरिक गतिविधि जैसे अन्य महत्वपूर्ण कारकों को समायोजित नहीं किया, जो स्तन कैंसर के जोखिम को प्रभावित करते हैं।
  • सापेक्ष बनाम निरपेक्ष जोखिम: अध्ययनों ने सापेक्ष जोखिम (Relative Risk) पर अधिक ध्यान दिया है, जो निरपेक्ष जोखिम (Absolute Risk) की तुलना में बहुत अधिक डरावना लगता है।

स्वीडन में हुए एक बड़े अध्ययन में हार्मोनल आईयूडी के उपयोग करने वाली 500,000 से अधिक महिलाओं के डेटा का विश्लेषण किया गया, जिससे स्तन कैंसर के जोखिम में मामूली वृद्धि का पता चला।

जोखिम का आकलन: सापेक्ष बनाम निरपेक्ष जोखिम

डेनमार्क के अध्ययन ने 5 साल तक उपयोग करने पर 30%, 5-10 साल तक उपयोग करने पर 40%, और 10-15 साल तक उपयोग करने पर 80% तक सापेक्ष जोखिम वृद्धि दिखाई। यह बहुत अधिक लगता है, लेकिन यह निरपेक्ष जोखिम को नहीं दर्शाता है। निरपेक्ष जोखिम बहुत कम है। उदाहरण के लिए, 10,000 महिलाओं में, 5 साल के उपयोग के बाद केवल 14 अतिरिक्त स्तन कैंसर के मामले दिखाई दे सकते हैं।

निरपेक्ष जोखिम का महत्व:

यह समझना ज़रूरी है कि सापेक्ष जोखिम भ्रामक हो सकता है। निरपेक्ष जोखिम वास्तविक संख्याओं को दर्शाता है और इसलिए एक बेहतर और सटीक चित्र प्रस्तुत करता है। न्यूज़ रिपोर्टिंग में अक्सर सापेक्ष जोखिम पर ज़्यादा ज़ोर दिया जाता है, जिससे अनावश्यक डर पैदा हो सकता है।

निष्कर्ष और आगे का रास्ता

हार्मोनल आईयूडी और स्तन कैंसर के बीच का संबंध संभवतः बहुत छोटा है और यह एक सांख्यिकीय भ्रम हो सकता है न कि एक वास्तविक संबंध। यहाँ तक कि अगर यह एक वास्तविक जोखिम है, तो यह अन्य कैंसर से सुरक्षा से संतुलित हो सकता है। इसलिए, महिलाओं को इस संबंध में अनावश्यक डर नहीं होना चाहिए। हालांकि, अन्य गर्भनिरोधक विकल्पों के साथ इस विकल्प पर भी विचार करना चाहिए।

टेकअवे पॉइंट्स:

  • हार्मोनल आईयूडी स्तन कैंसर के जोखिम को थोड़ा बढ़ा सकता है, लेकिन यह वृद्धि बहुत कम है।
  • निरपेक्ष जोखिम सापेक्ष जोखिम से अधिक जानकारीपूर्ण है।
  • अन्य कारकों जैसे शारीरिक वजन, शराब का सेवन, धूम्रपान और शारीरिक गतिविधि भी स्तन कैंसर के जोखिम को प्रभावित करते हैं।
  • महिलाओं को हार्मोनल आईयूडी के फ़ायदे और नुकसान दोनों को समझकर ही अपना फ़ैसला लेना चाहिए।
  • अपने स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी चिंता होने पर अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।