डेस्क। विटामिन डी हमारे शरीर में हड्डियों और मांसपेशियों को काफी मजबूत बनाने का काम करता है। साथ ही शरीर में विटामिन डी की कमी भी इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है। साथ ही डी ग्रुप के विटामिन की कमी से शरीर में ऊर्जा की कमी, थकान और हड्डियों में दर्द भी होता है।
विटामिन का सबसे प्राकृतिक स्रोत सूरज की रोशनी है। साथ ही विटामिन डी की कमी को आहार और सप्लीमेंट के जरिए भी पूरा किया जा सकता है।
वहीं सूर्य की किरणें विटामिन-डी का सबसे बड़ा स्रोत हैं, इसलिए इसे सनशाइन विटामिन भी बोला जाता है। साथ ही विटामिन-डी हमारी हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है। वहीं इसके साथ ही यह शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट के स्तर को भी मैनेज करता है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत भी बनाता है। साथ ही विटामिन-डी का स्तर कम होने से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं वहीं जिससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा भी बढ़ जाता है।
जिसे विटामिन डी की कमी है
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के अनुसार, अकेले प्राकृतिक (गैर-फोर्टिफाइड) खाद्य स्रोतों से पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करना कठिन भी है। साथ ही कई लोगों के लिए, शरीर में विटामिन डी की स्थिति को बनाए रखने के लिए विटामिन डी-फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का सेवन और धूप के संपर्क में आना भी आवश्यक है। हालांकि, कुछ लोगों को अपनी विटामिन डी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स लेने की आवश्यकता भी हो सकती है।