लाइफस्टाइल– हमारे अपने हमारे खुश रहने की वजह होते हैं। अगर हम अपनों के साथ रहते हैं। उनके साथ वक्त बिताते हैं। उनको अपने दिल की बात बताने मे हिजकिचाते नहीं हैं तो हमारे आपने हमारे साथी बन जाते हैं। हमें कहीं बाहर आपने लिए सुख की तलाश नहीं करनी पड़ती है।
लेकिन कई बार हम देखते हैं घर के बच्चे घरवालों से ज्यादा बाहर वालों पर विश्वास करते हैं। बच्चों को लगता है उनके अपने वही हैं। क्योंकि वो बाहर वाले उनके अपनों से ज्यादा उनको समझते हैं। अब अगर आपके बच्चे भी किसी बाहर वाले पर विश्वास करते हैं तो आप अपने स्वभाव मे इन आदतों को ले आओ। अगर आप इन आदतों के साथ अपने बच्चों ने बात करेंगे तो आप उनका विश्वास आसानी से जीत पाएंगे।
दोस्त-
अभिभावकों को अपने बच्चों का दोस्त बनकर रहना चाहिए। उनको समझने का प्रयास करना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि वो अपने बच्चों की मनोस्थिति समझें और उनपर अपनी इच्छओं का बोझ न लादें। दोस्त की तरह उनके साथ हंसी मजाक करें वक्त बिताएं और कभी-कभी उनको लेकर बाहर भी चले जाएं।
भावनाओं का करें सम्मान-
अगर आपका बच्चा किसी के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ा है। तो आप उसकी भावनाओं का सम्मान करें। उसके मन की बात को समझें। उसको सहारा दें और उसके साथ के साथ उसके रिश्ते को समझकर उसकी कठिन परिस्थितियों में सहायता करें।
वक्त बिताएं-
समय-समय पर अपने बच्चों के साथ वक्त बिताने के कार्यक्रम बनाएं। उनको कहीं बाहर लेकर जाएं। उनके साथ बातें करें और उनकी इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करें। अगर आप अपने बच्चों के साथ उनकी इच्छाओं को खुश करने के लिए जुड़ते हैं तो इससे आपके बच्चों का आपके साथ भावनात्मक जुड़ाव हो जाता है और आपके बच्चे किसी अन्य व्यक्ति में अपनों की तलाश नहीं करते हैं।