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इंटरनेशनल मेन्स डे को मनाने की शुरुआत साल 1999 में हुई थी। पुरुषों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 19 नवंबर को यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है। तो आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास, महत्व से जुड़ी जरूरी बातों के साथ ही क्या है इस बार का थीम।

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हर साल 19 नवंबर को मनाया जाने वाला अंतराष्ट्रीय पुरुष दिवस की धूम 60 से भी ज्यादा देशों में देखने को मिलती है। भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस को पहली बार साल 2007 में सेलिब्रेट किया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 1999 में यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्ट इंडीज के एक इतिहास व्याख्याता डॉ. जेरोम टेलेक सिंह द्वारा त्रिनिदाद बारगो में आयोजित किया गया था। 1992 में थॉमस ओस्टर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का उद्घाटन किया गया था। डॉ. तीलेक सिंह ने 19 नवंबर को अपने पिता के जन्मदिन को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के रूप में मनाया था। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस के बारे में जागरूकता लाने में भारतीय पुरुष अधिवक्ता उमा चल्ला का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 2007 में, उन्होंने उन दर्दनाक व्यवहारों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जो पुरुष विरोधी कानूनी व्यवस्था में पीड़ित हैं। उमा चल्ला बैंगलोर में स्थित प्रसिद्ध “सेव द इंडियन फैमिली फाउंडेशन” गैर-लाभकारी संगठन सहित कई संगठनों की संस्थापक हैं।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2020 की थीम का विषय “Better Health for Men and Boys” रखा गया है। इस थीम का मकसद उन पुरुषों और लड़कों को महत्व देने और मदद करने पर ध्यान केंद्रित करता है जो विश्व स्तर पर पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए काम और सुधार कर रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पुरुष और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने, लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने हेतु मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की वेबसाइट के अनुसार, दुनिया में महिलाओं की तुलना में पुरुष 3 गुना अधिक आत्महत्या करते हैं। साथ ही, हर तीन में से एक आदमी घरेलू हिंसा का शिकार है। यह भी पाया गया कि महिलाओं की तुलना में दोगुने से अधिक पुरुष हृदय रोग से पीड़ित हैं।