अगर हम मनुष्य की बात करे तो मनुष्य का जीवन घड़ी की तरह है जो निरंतर चलता रहता है और एक दिन ऐसा आता है जब इस मनुष्य के शरीर का सेल डाउन हो जाता है और यह गति रुक जाती है। लेकिन हम सत्य को जानते हुए भी अपने जीवन का उपयोग सही से नहीं करते हम पूरी जिंदगी दूसरो से उम्मीद लगाते है। हमे समय का सदुपयोग करने से ज्यादा जरूरी लगता है दूसरो से उनका समय मांगना और यह जानते हुए की वह अपने जीवन में व्यस्त है उनके लिए अपना समय बर्बाद करना।
हम कभी भी उन लोगो से सीखना नहीं चाहतें की वह ऐसा क्यों कर रहे है आखिर उनके जीवन में उन्होंने खुद को ऐसा क्या दिया है की वह हमेशा व्यस्त रहते है और किसी अन्य के लिए उनके पास समय नहीं है। अगर हम एक दिन का आकलन करे तो १ दिन में २४ घंटे होती है १४४० मिनट होते है और ८६४०० सेकेण्ड होते है। जिस व्यक्ति से आप यह शिकायत करते है की वह आपको समय नहीं दे रहा है उसे रिश्तो की परवाह नहीं है। कभी विचार करो उसकी लाइफस्टाइल पर कितनी व्यस्ता भरी है।
२४ घंटे में उसके 8 घंटे नौकरी में निकल जाते है। 2 घंटे रास्ता ले लेता है।1 घंटा वह खाने को देता है, आगे बढ़ने के लिए पढ़ाई भी जरूरी है 3 घंटे उसके किताबो में निकल जाते है 1 घंटा बामश्कक्त वह अपने परिवार को देता है और फिर आता है सोशल मीडिया जिसपर मैसेजो की लाइन लगी होती है शिकायतों का ट्रक लदा खड़ा रहता है जिसे खोलते ही वह उसके बोझ से दबने लगता है और 2 से 3 लोगो की शिकायतों को सुनते सुनते उसके ३ घंटे निकल जाते है।
इन तीन लोगो को सुनने के बीच कई लोग धड़ाके से उस इंसान को मैसेज करके तरह तरह के नामो से सम्बोधित करते है। लेकिन वह नहीं दे पाता है उन लोगो को जवाब क्योंकि तब तक हो चुकी होती है रात और टूटने लगता है थकावट से उसका शरीर।
लेकिन क्या कभी आपने सोचा है की आपका यह व्यवहार आपके रिश्ते पर क्या प्रभाव डालता है जो व्यक्ति अपनी व्यस्ता के बीच तुम्हारे लिए वक्त निकालता है और तुमसे बात करने आता है उससे तुम बात करने का पूरा समय शिकायतों में निकल देते हो और आपकी शिकायतों की वजह से आपका संवाद खत्म हो जाता है।