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डायबिटीज एक मौखिक रूप से उल्लेखनीय रोग है जिसमें शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है जो शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करने में असमर्थ बनाता है। यह एक गंभीर स्थिति है जो लंबे समय तक अनदेखी नहीं की जा सकती है और यदि इसे नजरअंदाज किया जाता है तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है।

डायबिटीज के दो प्रकार होते हैं: प्रथम जो टाइप 1 डायबिटीज कहलाता है और दूसरा जो टाइप 2 डायबिटीज कहलाता है। टाइप 1 डायबिटीज में शरीर की इंसुलिन उत्पादन करने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं जिससे शरीर उसे स्वयं नहीं बना सकता है। टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं करता है और इस तरह उत्पन्न होता है।

डायबिटीज के लक्षण शामिल होते हैं: भूख लगने की बढ़ती हुई अवस्था, पेशाब की अधिक बार जाना, ज्यादा थकान या कम ऊर्जा, नाखूनों में संकुचन या फैलाव होना.

कब होती है डायबिटीज की समस्या-

डायबिटीज की समस्या कई कारणों से हो सकती है और इसका पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

  1. वय: बढ़ते उम्र में डायबिटीज के खतरे की संभावना बढ़ती है।

  2. वजन: वजन बढ़ने के साथ, ज्यादा वसा शरीर में जमा होती है जो इंसुलिन उत्पादन को कम करती है और डायबिटीज की समस्या होती है।

  3. बाहरी कारक: खाने की वस्तुओं में शक्कर और वसा की अधिक मात्रा, नियमित शारीरिक गतिविधियों की कमी और तंबाकू या अन्य नशीली चीजों का सेवन डायबिटीज के खतरे को बढ़ाते हैं।

  4. इतिहास: परिवार में डायबिटीज की समस्या होने की स्थिति में व्यक्ति को डायबिटीज के खतरे की संभावना बढ़ जाती है।

  5. अन्य समस्याएं: अन्य समस्याएं जैसे कि गलगंज, उच्च रक्तचाप और प्रश्न प्रतिरोध जैसी समस्याओं के साथ डायबिटीज के खतरे का बढ़ना होता है।

डायबिटीज के लक्षण-

डायबिटीज के लक्षण मुख्य रूप से निम्नलिखित होते हैं:

  1. भूख लगने में बदलाव: अचानक भूख लगने में कमी या बढ़ोतरी हो सकती है।

  2. पेशाब में बदलाव: ज्यादातर लोगों को डायबिटीज के लक्षण के रूप में पेशाब के बार-बार आने की समस्या होती है।

  3. थकान: थकान डायबिटीज के लक्षणों में से एक हो सकती है।

  4. पानी की थकान: मुँह में या जीभ पर सूखेपन की समस्या हो सकती है।

  5. वजन कम होना: यदि आपका वजन बिना किसी वजन घटाने की योजना के कम हो रहा है तो यह डायबिटीज का लक्षण हो सकता है।

  6. अस्थिरता: नियमित अस्थिरता या अनुभव के लिए डायबिटीज का एक और सामान्य लक्षण हो सकता है।

  7. घाव ठीक न होना: व्यक्ति के घाव ठीक न होने या देर से ठीक होने की समस्या डायबिटीज के लक्षणों में से एक हो सकती है।

  8. आंखों में समस्या: यह डायबिटीज का एक आम लक्षण हो सकता है, जिसमें आंखों में जलन, खुजली या धुंधला पन होता है।

डायबिटीज का उपचार-

डायबिटीज का उपचार व्यक्ति के स्थिति, उम्र, संभावित कारणों और उनके दौरान उपयोग की जाने वाली दवाओं पर निर्भर करता है। हालांकि, कुछ सामान्य उपचार निम्नलिखित होते हैं:

  1. आहार व्यवस्था: डायबिटीज के मरीजों को उनके आहार व्यवस्था को बदलने की आवश्यकता होती है। मरीजों को मीठे व तले चीजों से दूर रहना चाहिए और वे पूरे दिन भोजन के साथ साथ ज्यादा पानी पीना चाहिए।

  2. व्यायाम: डायबिटीज के मरीजों को नियमित व्यायाम करना चाहिए। यह शरीर के रक्त शर्करा स्तर को कम करने में मदद करता है।

  3. दवाओं का उपयोग: डायबिटीज के मरीजों को अपने डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का उपयोग करना चाहिए। ये दवाएं रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

  4. इंसुलिन इंजेक्शन: टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन इंजेक्शन की जरूरत हो सकती है।

डायबिटीज के मरीज का भोजन-

डायबिटीज के मरीज को स्वस्थ आहार का अधिक महत्व होता है। उन्हें मीठे और तले हुए चीजों से दूर रहना चाहिए और ज्यादा पौष्टिक आहार को शामिल करना चाहिए। कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:

  1. फल और सब्जियां: डायबिटीज के मरीजों को ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां खाना चाहिए। वे फल के रूप में सेब, केला, संतरा और अन्य फलों का सेवन कर सकते हैं जो मीठे नहीं होते हैं। सब्जियों के रूप में, लौकी, गोभी, फूलगोभी, बैंगन, गाजर, पालक और टमाटर शामिल किए जा सकते हैं।

  2. प्रोटीन: डायबिटीज के मरीजों को हाइप्रोटीन आहार की जरूरत होती है। वे दूध, दही, दलिया, अंडे, मछली, मीट और ताजे फलों और सब्जियों का सेवन कर सकते हैं।

  3. अनाज और अन्य अन्न: डायबिटीज के मरीजों को अनाज, जैसे कि गेहूं, जौ, राजमा, चने, मक्के का आटा और अन्य अन्नों को शामिल करना चाहिए।