जीवन शैली- समाज मे अब काफी परिवर्तन आया है। पुरूष और महिलाएं अब कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ मजबूती के साथ खड़े हैं। वही हर साल पुरुषों की सकारात्मक छवि लोगो के मध्य दिखाने हेतु 19 नवंबर को पुरुष दिवस मनाया जाता है।
पुरुष दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जेंडर गैप को खत्म करना और समानता लाना है। वही पुरुषों के मुद्दों को समाज मे बीच रखना और उनके विषय मे लोगो के बीच जागरूकता फैलाना है। क्योंकि आज भी समाज मे पुरुष के मुद्दों पर बात नही होती और उन्हें अलग रूप में देखा जाता है।
जानकारी के लिए बता दें थॉमस ओस्टर मिसौरी सेंटर फॉर मेन्स स्टडीज के एक निदेशक थे। उन्होंने 1990 के दशक में पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत की थी। उस समय फरवरी के महीने के दौरान अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने के उद्देश्य से यू.एस., ऑस्ट्रेलिया और माल्टा के संगठनों को छोटे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए आमंत्रित किया गया था।
ओस्टर ने दो वर्षों तक इन कार्यक्रमों की मेजबानी की, लेकिन वर्ष 1995 में बहुत कम संगठनों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप समारोह को बंद कर दिया गया.लेकिन 1999 में जेरोम टीलकसिंह के प्रयासों से इसे पुनः मनाया जाने लगा।
भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत होते होते काफी साल लग गए और साल 2007 में हैदराबाद की लेखिका उमा चल्ला ने इसको शुरू किया. यानी सुनने में आश्चर्य लगे पर इंटरनेशनल मेन्स डे की शुरुआत ही महिलाओं ने की.