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भारत में क्षय रोग (टीबी) से निपटने के लिए सरकार ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसने देश को दशकों से जकड़ रखा है, और लाखों लोगों की जान ले चुकी है। नयी पहलों का उद्देश्य टीबी रोगियों के पोषण में सुधार करना, उनके इलाज में मदद करना और इस घातक बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या को कम करना है। इस लेख में हम इन नई पहलों, उनके प्रभाव और उनके व्यापक परिणामों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

नि-क्षय पोषण योजना (NPY) में वृद्धि

सरकार ने नि-क्षय पोषण योजना (NPY) के तहत मिलने वाली मासिक आर्थिक सहायता को दोगुना कर दिया है। पहले यह राशि 500 रुपये प्रति माह थी, जिसे बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है। यह वृद्धि उन 25 लाख टीबी रोगियों के लिए एक बड़ी राहत है जो हर साल इस योजना से लाभ उठाते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य टीबी रोगियों के बेहतर पोषण सुनिश्चित करना है, जिससे उनके इलाज में तेज़ी आ सके और स्वास्थ्य में सुधार हो सके। इस आर्थिक सहायता से रोगी अपनी पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे, और पौष्टिक भोजन प्राप्त कर सकेंगे।

NPY योजना के लाभ और प्रभाव

इस बढ़ी हुई वित्तीय सहायता से रोगियों के जीवन स्तर में सुधार होगा और उन्हें इलाज के दौरान किसी भी तरह की आर्थिक कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह खासकर उन रोगियों के लिए बहुत मददगार है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और पौष्टिक भोजन नहीं खरीद पाते। इस योजना के बेहतर परिणामों की उम्मीद है, जैसे कि उपचार में तेज़ी, मृत्यु दर में कमी और बेहतर स्वास्थ्य परिणाम। इस योजना से टीबी के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है।

ऊर्जा घनत्व वाले पोषण पूरक (EDNS) की शुरूआत

सरकार ने ऊर्जा घनत्व वाले पोषण पूरक (EDNS) कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम उन सभी रोगियों के लिए है जिनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 18.5 से कम है। लगभग 12 लाख अल्पपोषित रोगी इस योजना से लाभान्वित होंगे। EDNS का उद्देश्य उन रोगियों को अतिरिक्त पोषण प्रदान करना है जिन्हें पौष्टिकता की कमी है, जिससे उनके शरीर को इलाज में मदद मिलेगी और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। यह कार्यक्रम उपचार के पहले दो महीनों के लिए उपलब्ध होगा।

EDNS के महत्व और प्रभाव

EDNS कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि अल्पपोषण टीबी के इलाज में एक प्रमुख बाधा है। अगर किसी रोगी में पोषक तत्वों की कमी होती है तो उसका शरीर टीबी से लड़ने में कमजोर होता है। EDNS कार्यक्रम इस कमी को दूर करके रोगियों के शरीर को मजबूत करेगा, और इस तरह से टीबी से लड़ने में उनकी मदद करेगा। इस कार्यक्रम के परिणामस्वरूप रोगियों की स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार, इलाज में तेज़ी और मृत्यु दर में कमी आएगी।

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (PMTBMBA) का विस्तार

सरकार ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (PMTBMBA) का दायरा बढ़ाया है। अब टीबी रोगियों के सभी परिवार के सदस्यों को इस योजना के तहत सामाजिक सहायता मिलेगी। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रोगियों के परिवारों को भी पर्याप्त सहायता मिले, जिससे उनका जीवन स्तर सुधरे और वे रोग से प्रभावित न हों। इसके द्वारा टीबी रोगियों के परिवारों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कम किया जा सकता है।

PMTBMBA के लाभ और व्यापक प्रभाव

टीबी रोगियों के परिवार के सदस्यों को भी इस योजना में शामिल करके, सरकार टीबी के प्रसार को रोकने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठा रही है। इसके माध्यम से, न केवल रोगी के स्वास्थ्य में सुधार होगा बल्कि उसके परिवार का समग्र कल्याण भी सुनिश्चित होगा। यदि परिवार के सदस्य स्वस्थ होंगे, तो टीबी रोगी को भी तेजी से स्वस्थ होने में मदद मिलेगी। यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल है जो समाज के सभी स्तरों तक पहुंचने पर केंद्रित है।

नि-क्षय मित्र योजना और उसके परिणाम

नि-क्षय मित्र योजना के तहत टीबी रोगियों के परिवार के सदस्यों को भोजन बास्केट दिए जाएंगे, जिससे उनके परिवारों की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी और उन्हें पौष्टिक भोजन मिल सकेगा। इससे रोगियों और उनके परिवारों पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ भी कम होगा। यह सामुदायिक सहयोग और सहभागिता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

नि-क्षय मित्र का प्रभाव

इस पहल के द्वारा, समुदाय के सदस्य टीबी रोगियों के परिवारों को सक्रिय रूप से सहायता प्रदान कर सकते हैं। यह पहल, सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था और समाज दोनों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे टीबी से लड़ने की क्षमता में इजाफा होगा।

मुख्य बिन्दु:

  • नि-क्षय पोषण योजना (NPY) में मासिक सहायता बढ़कर ₹1000 हो गई है।
  • ऊर्जा घनत्व वाले पोषण पूरक (EDNS) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
  • प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (PMTBMBA) का दायरा बढ़ाकर टीबी रोगियों के परिवार के सदस्यों को भी शामिल किया गया है।
  • नि-क्षय मित्र योजना के माध्यम से समुदाय टीबी रोगियों के परिवारों को सहायता प्रदान कर रहा है।
  • इन पहलों से टीबी से होने वाली मौतों में कमी, उपचार में तेज़ी और रोगियों के स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद है।