भारतीय संस्कृति विश्वभर में अपनी महत्त्वपूर्ण और आदिकालीन संस्कृति की मान्यता प्राप्त करने वाली एक अत्यंत समृद्ध और प्राचीन संस्कृति है। यह संस्कृति भारतीय महाद्वीप में विकसित हुई है और अनेक धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक परंपराओं का आधार बना है। भारतीय संस्कृति विविधताओं, आदिकालीन ग्रंथों, काव्य, कला, संगीत, नृत्य, वास्तुकला, दान्तों, विचारधारा, तत्वज्ञान, धर्म, योग, और अन्य क्षेत्रों में भरपूर साधनों की अपार धनी है। भारतीय संस्कृति का मूल मूल्यों पर आधारित होने के कारण इसे “सनातन धर्म” या “हिंदू संस्कृति” भी कहा जाता है। यह संस्कृति अनेक युगों में विकसित हुई है और विभिन्न आंदोलनों, धार्मिक आचारों, राजनीतिक और सामाजिक प्रथाओं के साथ अपनी प्रकृति बनाए रखी है।
भारतीय संस्कृति के मूल तत्व-
भारतीय संस्कृति के मूल तत्व निम्नलिखित हैं:
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धर्म (Dharma): धर्म भारतीय संस्कृति का मूल और आधारभूत तत्व है। यह धर्म न केवल एक धार्मिक आचार बल्कि एक जीवनशैली भी है जो नैतिकता, योग्यता, आदर्शता, और सामर्थ्य को प्रोत्साहित करती है। धर्म का मुख्य उद्देश्य संसार के समग्र विकास और मानव समाज की कल्याण है।
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वासुदैव कुटुम्बकम् (Vasudhaiva Kutumbakam): यह विचार भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण है और इसका अर्थ है “पूरा विश्व एक परिवार है”। इससे स्पष्ट होता है कि भारतीय संस्कृति में सभी मनुष्यों को समानता, आदर्शता और परस्पर सहयोग की महत्ता मान्यता है।
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कर्म (Karma): कर्म सिद्धांत भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। इसके अनुसार, व्यक्ति की कर्मों के आधार पर ही उसका भाग्य निर्धारित होता है। कर्म सिद्धांत का मानना है कि निष्क्रियता के स्थान पर यथासंभव निःस्वार्थ और उच्चतम कर्मों का पालन करना चाहिए।
भारतीय संस्कृति की वेशभूषा-
भारतीय संस्कृति की वेशभूषा (Costume) विविधताओं, क्षेत्रों और समुदायों के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है। भारतीय संस्कृति में वेशभूषा महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त करती है। यह वेशभूषा विभिन्न रंगों, संगठन, शैली और रीति-रिवाजों के साथ भारतीय संस्कृति की आदिकालीन और परम्परागत पहचान का प्रतीक है।
कुछ महत्वपूर्ण भारतीय वेशभूषा विधान हैं:
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साड़ी (Saree): साड़ी भारतीय महिलाओं की प्रमुख पहनावा है और विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में अलग-अलग शैलियों में पहनी जाती है।
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धोती/कुर्ता-पजामा: पुरुषों के लिए धोती और कुर्ता-पजामा भारतीय पुरुषों की प्रमुख वेशभूषा हैं। यह प्रत्येक राज्य और क्षेत्र में भिन्न शैलियों में पहने जाते हैं।
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घाघरा-चोली: यह महिलाओं का एक प्रमुख पहनावा है, जो परंपरागत रंगों, ब्रॉकेड और एंब्रॉयडरी से सजी होती है