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सेक्स के दौरान महिलाओं को ऑर्गैज्म फील हो न हो लेकिन पुरुषों को होता है और इसे कोई रोक नहीं सकता। हालांकि खबरों और इंटरनेट पर फीमेल ऑर्गैज्म के चर्चे होते हैं, जिससे लगता है कि मेल ऑर्गैज्म पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा। तो यहां आप देख सकते हैं मेल ऑर्गैज्म से जुड़े कुछ मजेदार फैक्ट्स…
पुरुषों का भी होता है G-Spot
जैसे महिलाओं में जी-स्पॉट, ए-स्पॉट और डीप स्पॉट होता है, वैसे ही पुरुषों में भी ये तीनों स्पॉट्स होते हैं जो उन्हें एक्साइटेड करते हैं। ये पार्ट्स होते हैं पीनिस के हेड में मौजूद टिश्यूज (फ्रेनुलम), perineum (स्क्रॉटम और ऐनस के बीच का हिस्सा) और तीसरा प्रॉस्टेट ग्लैंड मेल प्लैजर पॉइंट्स होते हैं। इनमें से प्रॉस्टेट सबसे ज्यादा उत्तेजित करता है।
उत्तेजित होने के बाद इजैक्युलेशन जरूरी
इस प्रक्रिया को एक साइंटिफ टर्म इजैक्युलेटरी इनेविटेबिलिटी कहते हैं। इसका मतलब है कि एक पुरुष एक बार उत्तेजित हो गया तो एक सर्टेन पॉइंट तक पहुंचने के बाद ऑर्गैज्म तक पहुंचना जरूरी है।
महिलाओं से कम देर तक रहता है पुरुषों का ऑर्गैज्म
पुरुषों का ऑर्गैज्म 5 सेकंड्स से 22 सेकंड्स तक चलता है वहीं महिलाओं में 13 से 51 सेकंड्स।
ऑर्गैज्म का मतलब इजैक्युलेशन नहीं
कुछ पुरुष ऐसे भी हैं, हालांकि ऐसे लोगों की संख्या कम ही है जो कि बिना फ्लूइड के क्लाइमैक्स तक पहुंच जाते हैं, उनको ड्राई ऑर्गैज्म हो सकता है।
पूरी लाइफ में पुरुष करीब 50 लीटर स्पर्म रिलीज करते हैं
अगर शॉर्ट में कहें तो पुरुष 50 लीटर स्पर्म और पूरे लाइफटाइम में 14 गैलन्स सीमेन रिलीज करते हैं।