लाइफ स्टाइल- जिस प्रकार कौटिल्य(Acharya Chanakya) को अर्थशास्त्र के लिए जाना जाता है उसी प्रकार कामसूत्र ग्रन्थ(Kamasutra granth) को काम के लिए जाना जाता। कहते हैं सेक्स हमारे जीवन का अमुख अंग है इसके बिना मनुष्य के जीवन में कोई भाव नहीं है। यह दो लोगों के परस्पर मिलन का प्रमाण है और इससे दो लोगों के मध्य रिश्ता मजबूत होता है। वही कामसूत्र(Kamasutra) में सम्भोग(sex) को लेकर कई बड़े खुलासे किये गए हैं। कामसूत्र (According to kamsutra)के मुताबिक व्यक्ति अपनी मानसिक स्थिति के अनुरूप सेक्स करता है। सेक्स करने की जो व्यक्ति की क्रिया होती है उसके कुछ अमुख भेद हैं।
कामसूत्र के मुताबिक सेक्स के भेद-(according to kamsutra type of sex)
मंद वेग-(slow sex)
कामसूत्र (According to kamsutra)के मुताबिक यह ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति सेक्स (sex) के समय कम उत्तेजित होता है और उसके वीर्य(semen) कम निकलता है। वहीं वह स्त्री(woman) के नाखुक के निशान को सहने की शक्ति रखता है और सेक्स से अधिक उसके शरीर के स्पर्श को महसूस करता है।
चण्डवेग-(chandveg)
यह स्थिति मंद वेग के विपरीत होती है। इसमें पुरुष (male) बहुत अधिक उत्तेजित होता है उसके अंदर सेक्स(sex enjoyments) की तीव्र इच्छा होती है। वह स्त्री के साथ सेक्स(sex Life) का आनंद लेता हो इस स्थिति में स्त्री भी पुरुष के साथ एन्जॉय करती है।
मध्यम वेग-(madhyamveg)
यह स्थित मंद वेग से बेहतर होती है। इस स्थिति में पुरुष(male)के मन में सेक्स(sex Life) करने की इच्छा जाग्रत होती है लेकिन वह सेक्स(sex Life) को लेकर उसके मन में उठने वाले भाव को काबू करने में समर्थ होता है और अपनी भावनाओं(emotional touch) को किसी से भी छुपाने का गुण रखता है।