बोकारो से संगीता की रिपोर्ट
झारखंड:क्या आप भी स्मार्ट फोन चलाते हैं तो हो जाए खबरदार क्योंकि स्मार्टफोन कैंसर का खतरा बढ़ाता है अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि स्मार्ट फोन कैंसर का खतरा बढ़ता है अगर 10 साल तक हर रोज 17 मिनट तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो कैंसर की गांठ बनने का खतरा साक्षी सदी तक बढ़ जाता है यह दवा मोबाइल फोन और इंसान की सेहत से जुड़ी 64 तरह की रिसर्च की विशेष की बात किया गया है मोबाइल सिग्नल से निकलने वाला रेडीएशन शरीर में स्टेस प्रोटीन को बढ़ाता है जो डीएनए को डैमेज करता है हालांकि अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन इस बात से इंकार करता है कि मोबाइल फोन से निकालने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी से सेहत को खतरा है
आपको बताते जाएगी दुनिया भर में मोबाइल फोन यूजर बढ़ रहे हैं 2011 तक 87 फीसदी घरों में एक मोबाइल फोन था जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे यह आंकड़ा 95 फ़ीसदी हो गया जो शोधकर्ता का कहना है की लोगों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम करना चाहिए इसे अपने शरीर से दूर रखना चाहिए और जितना हो सके लेंड लाइन का इस्तेमाल करें फोन के अधिक इस्तेमाल और कैंसर का कनेक्शन विवादित है या एक सेंसेटिव पॉलिटिकल टॉपिक है।
वायरलेस डिवाइस रेडिएशन इन जी को अधिक एक्टिव बनाती है ऐसा होने पर कोशिश कोशिकाओं की काम करने के रास्ते में बाधा पैदा होती है नतीजा शरीर में स्थित प्रोटीन और फ्री रेडिएशन बना बनते हैं इससे डीएनए डैमेज हो सकता है मौत भी हो सकती है इस पर अधिक रिसर्च नहीं हो पाई है क्योंकि अमेरिका सरकार ने 1990 में ही रिसर्च के लिए दी जाने वाली फंडिंग पर रोक लगा दी थी आपको बताते जाएं कि 2018 में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ एनवायरमेंटल हेल्थ साइंस की रिसर्च में सबूत मिले थे जो बातें हैं यह मोबाइल फोन के रेडिएशन से कैंसर हो सकता है हालांकि ऐसे एफडीए ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसे इंसानो पर नहीं अप्लाई किया जा सकता