डेस्क। मानव शरीर में पाए जाने वाले कई प्रकार के कैंसर जैसे रक्त कैंसर और अग्नाशय का कैंसर की भाती ही प्रोस्टेट कैंसर भी इसी का एक प्रकार है। वैसे तो कैंसर जेंडर के बेस पर नहीं होता हैं। यह एक बीमारी है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाए जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो या तो पुरुषों में ज्यादा पाए जाते हैं या केवल महिलाओं में पाए जाते हैं। प्रोस्टेट कैंसर केवल पुरुषों में पाया जाने वाला कैंसर है।
बता दें कि हाल ही की एक रिपोर्ट में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। डॉक्टर्स की माने तो प्रोस्टेट कैंसर महिलाओं में नहीं पाया जाता है; क्योंकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर ज्यादा होता है। प्रोस्टेट ग्रंथि या ग्लैंड में ही होने वाले कैंसर को प्रोस्टेट कैंसर के नाम से जाना जाता है।
क्या आप जानते हैं कि प्रोस्टेट ग्लैंड का आकार अखरोट की तरह होता है हैरानी की बात यह है कि यह ग्रंथि महिलाओं में नहीं पाई जाती है। प्रोस्टेट पुरुषों में पाई जाने वाली एक छोटी ग्रंथि है जो पेट के निचले हिस्से में होती है।
पुरूषों में मौजूद इस ग्रंथि में बनने वाले द्रव को वीर्य कहा जाता हैं। जब प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ती हैं, तो इसे प्रोस्टेट कैंसर के नाम से जाना जाता है।
आइए जानते हैं प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
वैसे तो प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआत का पता नहीं चल पाता। इसलिए इसका समय पर इलाज भी नहीं किया जा सकता है। पर हां अन्य बीमारियों की तरह ही प्रोस्टेट कैंसर के भी कुछ लक्षण होते हैं-
पेशाब का आना: बार-बार पेशाब आना प्रोस्टेट कैंसर का एक प्रमुख लक्षण है।
पेशाब करते समय खून निकलना: पेशाब करते समय खून आना भी इसी का मुख्य लक्षण है। अगर किसी पुरुष को पेशाब करते समय खून आता है तो उसे तुरंत इसपर ध्यान देना चाहिए।
कमर में दर्द: कमर दर्द को भी प्रोस्टेट कैंसर का एक लक्षण माना जाता है। इसी कारण हमें इस आम समस्या को नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत अपने डॉक्टर को सूचित करना चाहिए।
पेशाब का रुक जाना: कई पुरुषों में सही तरीके से पेशाब न आना या बार-बार पेशाब आना और रुक रुक पेशाब का होना भी प्रोस्टेट कैंसर का एक प्रमुख लक्षण है।
प्रोस्टेट कैंसर के कारण
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार प्रोस्टेट कैंसर के कई कारण हो सकते हैं जैसे-
अधिक उम्र
उम्र का बढ़ना इसका एक स्वाभाविक कारण हो सकता है। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ने का भी खतरा होता है। एक रिसर्च में प्रोस्टेट कैंसर ज्यादातर मामले 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों में पाए गए हैं।
मोटापा
आमतौर पर मोटापे के कारण भी बहुत सी बीमारियां लोगों को पकड़ लेती हैं। बढ़ते वजन के साथ होने वाली बीमारियों में प्रोस्टेट कैंसर की बीमारी भी पाई जाती है। इसलिए ओवर वेटेड पुरुषों को अपने वजन कम करके पर भी ध्यान देना चाहिए।
हार्मोन
मानव शरीर में किसी भी के हार्मोन के डिसबैलेंस होने के कारण कोई न कोई बीमारी घर कर ही लेती है। डॉक्टर्स ने बताया है कि हार्मोन में असामान्य तरीके से बदलाव होने के कारण भी प्रोस्टेट कैंसर हो जाता है।
असंतुलित आहार
खराब डाइट के कारण कई सारी बीमारियां होती हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि ज्यादा फ्राइड फूड्स और बाहर के जंक फूड से भी पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
प्रोस्टेट कैंसर को ठीक कैसे किया जाता है
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो प्रोस्टेट कैंसर एक लाइलाज बीमारी नहीं है। इसका इलाज संभव है। आज हम आपको इसके बारे में भी बताएंगे।
दवाएं:
प्रोस्टेट कैंसर का इलाज दवाइयों के माध्यम से किया जाना पॉसिबल है। प्रोस्टेट कैंसर के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं जो इसे ठीक करने में कारगर भी हैं।
सर्जरी:
दूसरा ऑप्शन सर्जरी है। प्रोस्टेट कैंसर का इलाज जब किसी अन्य माध्यम से सफल नहीं हो पता तो सर्जरी आखिरी रास्ता बनता है। प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी को प्रोस्टेटेक्टॉमी भी कहा जाता है। इसमें प्रोस्टेट ग्रंथि को शल्य चिकित्सा की मदद से रिमूव कर दिया जाता है।