डेस्क। देश में होटल का नाम सुनकर ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि खाने की जगह के बारे में पूछा रहा है।
जबकि ऐसा नहीं है होटल सिर्फ खाने की जगह नहीं होता है वहीं इसी तरह से आपने होटल, मोटल, रेस्टोरेंट और रिसॉर्ट के बारे में भी सुना होगा। अक्सर ज्यादातर लोग इनको लेकर कंफ्यूज भी रहते हैं। उन्हे इनके बीच का अंतर पता नहीं होता है इसलिए वो किसी खाने की जगह को भी होटल कहकर ही बताते हैं। तो आइए आज इन सबके बीच के अंतर को अच्छे। से समझते हैं।
होटल
होटल वो जगह होती है जहां आपको रहने के लिए कमरा, खाने के लिए खाना और बाक़ी की सुविधाएं पैसे के अनुसार मिलती हैं । होटल का पहला काम पराए शहर में मुसाफिर को रिहाइश उपलब्ध कराना होता है । यहां आपको रहने-खाने के अलावा टीवी, फ्रिज, वाईफाई जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं । हालांकि हर जगह ये ज़रूरी नहीं। कुछ सस्ते होटल इन सुविधाओं के बगैर भी होते हैं । और रूम सर्विस का सिस्टम आपको अपने कमरे में ही तमाम चीज़ें मयस्सर भी कराता है । खाना होटल की पर्सनल किचन से परोसा जाता है और मात्र ₹6000 से खड़ी की 5 करोड रुपए की कंपनीकुछ बड़े होटलों का अपना पर्सनल रेस्टोरेंट भी होता है ।
मोटल
मोटल, होटल का छोटा भाई है और ये शब्द मोटर और होटल से मिलके बना है। मोटल का सिस्टम मुख्यतः हाइवे पर ही होता है। इनका काम उन मुसाफिरों को रात रुकने का जरिया उपलब्ध कराना है जो लंबे सफ़र पर निकले हैं और रात में ड्राइव करना नहीं चाहते है। ज़्यादातर मोटल सड़क के किनारे बने होते हैं, जहां कमरे के साथ ही ओपन पार्किंग स्पेस भी मौजूद होता है। मोटल में होटल जैसी तमाम सुविधाएं अक्सर नहीं होती है और कई मोटल खाना उपलब्ध करा देते हैं लेकिन ये ज़रूरी भी नहीं।
रेस्टोरेंट
वो जगह जहां आप सिर्फ खाना खाने के लिए जाते हो। ये देसी ढाबों का थोड़ा अपग्रेडेड वर्जन है। यहां आप रेस्टोरेंट की शोहरत, साज सज्जा या खाने की क्वालिटी के अनुसार तय की गई कीमतों पर खाना भी खाते हैं और लौट आते हैं। किसी रेस्टोरेंट में रहने की व्यवस्था नहीं होती। बस खाओ और घर चले जाओ भले ही पैक करवा लो।