लाइफस्टाइल- आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) जीवन के मार्गदर्शक हैं। उन्होंने जीवन के प्रत्येक तमगे पर अपना मत रखा है। उनके बताए मार्ग पर चलकर व्यक्ति आसानी से अपने लक्ष्य को हासिल कर लेता है। वहीं संभोग को लेकर आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) का कहना है कि अगर कोई पुरूष किसी स्त्री के साथ संभोग(Sex) करता है। तो उसके मन मे महज अपनी इंद्रियों को शांत करने की अभिलाषा होती है। अगर कोई व्यक्ति सेक्स के बाद स्नान नहीं करता है तो वह चंडाल रहता है।
आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) का मत है कि व्यक्ति को संभोग के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए। क्योंकि स्नान करने से आपका मन शुद्ध होता है और आप बेहतर महसूस करते हैं। अगर कोई व्यक्ति सेक्स के बाद स्नान नहीं करता है तो उसका स्वभाव चांडाल का होता है।
आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) ने कहा है कि अगर कोई व्यक्ति शरीर पर मालिश करवाता है। शमशान घाट जाता है। दाढी बनाता है, बाल कटवाता है और संभोग करता है। तो उस व्यक्ति को संयम से रहना चाहिए और स्नान करना चाहिए। क्योंकि यह सभी चीजें आपको चांडाल स्वरूप बनाती हैं।