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बढ़लते समय के साथ सेक्स पर लोगों की राय भी बदल रही है। जो बातें पहले बंद कमरे में होती थीं वह बातें आज सार्वजानिक रूप से हो रही हैं। सेक्स पर चर्चा करने में स्त्री -पुरुष किसी को भी शर्म का अनुभव नहीं होता। खुलापन इतना बढ़ गया है कि स्त्री अपनी इच्छा आराम से जाहिर कर सकती है। लेकिन सेक्स पर चर्चा के संदर्भ में जब एक सर्वे किया गया तो खुलासे से सभी दंग रहे गए। सर्वे के मुताबिक सेक्स पर ओपन चर्चा करने में पुरुषों से अधिक स्त्रियां माहिर हैं। स्त्रियों को सेक्स पर चर्चा करना बेहद पसंद है और ऐसी चर्चाओं को वह खुले मन से इंजॉय करती हैं। 

क्या कहती है रिसर्च:

सर्वे के मुताबिक सेक्स एक अनुभव है जिसे स्त्री पुरुष समान रूप से अनुभव करते हैं। आज सेक्स पर चर्चा बंद कमरे तक सीमित नहीं है। स्त्री-पुरुष बराबरी से सेक्स पर खुले मन से चर्चा करते हैं। चर्चा और वातावरण का बदलाव हमे अपने आसपास भी देखने को मिल रहा है। विषम लैंगिक लोगों के प्रति भी समाज का नजरिया बदल रहा है। लोग सेक्स को जरूरत समझते हैं। लोगों का मत है कि सेक्स के प्रति आकर्षण जेंडर देख कर नहीं बल्कि भावनाएं देख कर होता है। 

वही 65 फ़ीसद महिलाओं को सेक्स पर चर्चा करना बेहद पसंद है। महिलाओं का कहना है कि वह पुरुषों के प्रति सेक्स को लेकर आकर्षित होती हैं। उनको सेक्स पसंद है और सेक्स वह सिर्फ पुरुषों के साथ करना पसंद करती हैं। महिआलों को सेक्स एन्जॉय करने से मतलब है यदि उनकी इच्छा एक पुरुष से संतुष्ट नहीं होती तो वह किसी भी लिंग के इंसान के साथ सेक्स करने को आतुर हो जाती हैं। 

गे या लेस्बिन किससे करता समाज नफरत:

सर्वे में गे और लेस्बिन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। खुलासे में स्पष्ट हुआ है कि समाज लेस्बिन महिलाओं की तुलना में गे पुरुषों से नफरत करता है। समाज का कहना है महिलाओं को एकसाथ देखना व्यवस्थित लगता है लेकिन गे पुरुष समाज की व्यवस्था को प्रभावित करते हैं। गे पुरुष जब समाज के सम्मुख आते हैं तो समाज पर उसका निगेटिव प्रभाव पड़ता है और समाज किसी भी कीमत पर गे पुरुषों को एकसाथ नहीं देखना चाहता है।