कोरबा के श्यांग थाना क्षेत्र के ठेंगरीमार गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद खुद को फांसी लगा ली। 37 वर्षीय जगन्नाथ मंझवार और 35 वर्षीय संतोषी बाई के बीच किसी मामूली घरेलू विवाद के बाद यह दर्दनाक घटना घटित हुई। जगन्नाथ ने गुस्से में आकर अपनी पत्नी संतोषी को घर में रखे तीर से हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद जगन्नाथ मानसिक रूप से टूट गया और उसने खुद को फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। इस घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया, और पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में ले लिया।
घटना के कारण
पुलिस जांच में पता चला है कि जगन्नाथ और संतोषी के बीच किसी छोटी सी बात पर विवाद हो गया था, जो धीरे-धीरे बढ़ता गया और घरेलू हिंसा में बदल गया। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, जगन्नाथ संतोषी को पहले से ही शक की नज़र से देख रहा था और उनके बीच लगातार बहसें होती थीं। वह संतोषी की हर बात पर उसे परेशान करता था, जिसके चलते वह तनाव में रहती थी।
घटना का समय और परिस्थिति
यह घटना शाम को हुई जब दोनों घर पर अकेले थे। संतोषी घर के काम में व्यस्त थी, तभी जगन्नाथ उनसे कुछ लेकर झगड़ा करने लगा। संतोषी ने अपनी मर्जी न करने पर जगन्नाथ पर आरोप लगाया, जिससे वह भड़क गया। वह इतना गुस्से में था कि उसने अपने गुस्से का शिकार अपनी ही पत्नी को बनाया।
परिवार और पड़ोसियों का बयान
पड़ोसियों ने बताया कि जगन्नाथ और संतोषी का विवाद काफी समय से चल रहा था, और कई बार यह शोर-शराबा भी होता था। उनके परिवार ने भी पुलिस को बताया कि जगन्नाथ का स्वभाव पहले से ही चिड़चिड़ा था और वह आसानी से गुस्से में आ जाता था। वह संतोषी पर अक्सर शक करता रहता था और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था।
पुलिस जांच
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही, पुलिस ने जगन्नाथ और संतोषी के घर और आसपास की जगह की अच्छी तरह से जांच की और संभावित साक्ष्य इकट्ठा किए। पुलिस ने जगन्नाथ के परिवार से भी पूछताछ की और उन्हें घटना से जुड़ी हर जानकारी देने के लिए कहा। पुलिस यह जानने के लिए भी जांच कर रही है कि संतोषी की हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया तीर घर में कैसे आया।
साक्ष्य और सबूत
पुलिस जांच में मिले सबूतों के अनुसार, घटनास्थल पर जगन्नाथ का गुस्से में होने के कारण दिखने वाले साक्ष्य मिले। घर के बाहर लड़ाई-झगड़े के निशान थे, जो साबित करते हैं कि घटना के समय दोनों के बीच तीखी बहस हुई होगी। साथ ही, घर के अंदर संतोषी के शरीर पर मिले तीर के निशान, तीर को छिपाने के लिए किये गये प्रयास, और जगन्नाथ के शरीर पर लगे फांसी के निशान सभी मिलकर इस बात को स्पष्ट करते हैं कि घटना में पहले संतोषी की हत्या की गई और उसके बाद जगन्नाथ ने आत्महत्या की।
सामाजिक प्रभाव
यह घटना एक बार फिर से घरेलू हिंसा के बढ़ते प्रकोप को उजागर करती है। ऐसी घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि छोटे-छोटे मतभेद भी कैसे घरेलू हिंसा का रूप ले लेते हैं, और इसका नतीजा जानलेवा होता है। इस घटना से सामाजिक न्याय और महिला सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न चिह्न लगते हैं।
निष्कर्ष
यह घटना समाज के लिए एक झकझोर देने वाली घटना है, जो घरेलू हिंसा और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को दर्शाती है। घरेलू हिंसा में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए समाज को आगे आना होगा। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शिक्षा और जागरूकता आवश्यक है। सरकार और सामाजिक संगठनों को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।
टेक अवे पॉइंट्स:
- छोटे-छोटे झगड़े भी घरेलू हिंसा का रूप ले सकते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य और परिवारों के बीच संचार को मजबूत करने पर ध्यान देना जरूरी है।
- महिलाओं के प्रति हिंसा को लेकर सख्त कदम उठाने और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
- सामाजिक संगठन और सरकार को मिलकर घरेलू हिंसा के कारणों को समझने और इसके समाधान के लिए प्रयास करने चाहिए।
- ऐसे मामलों को निपटाने में पुलिस को संवेदनशील होने और प्रभावी कदम उठाने चाहिए।
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