कंगना रनौत की आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ ने रिलीज से पहले ही विवादों का सामना करना शुरू कर दिया है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने फिल्म के सिख समुदाय के इतिहास को लेकर गलत तरीके से पेश करने के आरोप लगाए हैं और मांग की है कि फिल्म को रिलीज करने से पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अनुमति लेनी चाहिए। चन्नी ने कहा है कि एसजीपीसी की अनुमति के बिना ‘इमरजेंसी’ ना तो खेली जाएगी और ना ही खेली जाने दी जाएगी।
चन्नी की कड़ी प्रतिक्रिया
चन्नी का कहना है कि पंजाब का इतिहास ऐसा रहा है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्मों के लोग सदियों से सौहार्द और प्रेम के साथ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘इमरजेंसी’ जैसे फिल्मों के माध्यम से समुदायों के बीच विभाजन फैलाने की कोई कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
चन्नी ने कंगना रनौत के सिख समुदाय के इतिहास को लेकर किए गए बयानों को लेकर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय का इतिहास बेहद समृद्ध और गौरवशाली है, और कोई भी इसका अपमान करने की कोशिश करेगा उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
सिख समुदाय की भावनाओं का सम्मान जरूरी
चन्नी ने कहा, ‘सिख इतिहास को गलत ढंग से पेश करना सिख समुदाय के भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है। किसी भी फिल्म में अगर सिख समुदाय के इतिहास को दिखाया जाए तो उसका ध्यान रखना जरूरी है कि वह सटीक और सम्मानजनक ढंग से हो।’
एसजीपीसी की भूमिका
एसजीपीसी सिख समुदाय की सबसे बड़ी और सम्मानित संस्था है। चन्नी ने कहा है कि एसजीपीसी सिख धर्म और इतिहास के रक्षक हैं। कोई भी फिल्म या डॉक्यूमेंट्री अगर सिख धर्म या इतिहास को लेकर बनाई जाती है तो उसे पहले एसजीपीसी को दिखाना चाहिए। एसजीपीसी फिल्म में सिख धर्म और इतिहास की सच्चाई और सटीकता का मूल्यांकन करेगी और इसके आधार पर अनुमति देगी।
चन्नी की चेतावनी
चन्नी ने कंगना रनौत और फिल्म निर्माताओं को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि एसजीपीसी की अनुमति के बिना ‘इमरजेंसी’ को किसी भी सिनेमाघर में प्रदर्शित नहीं करने दिया जाएगा। चन्नी ने कहा कि अगर फिल्म निर्माता एसजीपीसी को नजरअंदाज करके फिल्म को प्रदर्शित करने की कोशिश करते हैं तो वे सिख समुदाय के सामूहिक आक्रोश का सामना करने के लिए तैयार रहें।
‘इमरजेंसी’ की पृष्ठभूमि
कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ इंडियन प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी द्वारा लागू किए गए आपातकालीन शासन काल पर आधारित है। फिल्म में कंगना गांधी की भूमिका निभा रही हैं।
निष्कर्ष
‘इमरजेंसी’ की रिलीज से पहले ही सिख समुदाय के इतिहास के प्रति सम्मान को लेकर विवादों में घिर गई है। चन्नी की प्रतिक्रिया से स्पष्ट हो गया है कि सिख समुदाय इतिहास की गलत तस्वीर पेश करने के प्रति बेहद संवेदनशील है और फिल्म निर्माताओं को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वह किसी भी धर्म या समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचाएँ।
मुख्य takeaways
- कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ ने रिलीज से पहले ही सिख समुदाय से विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
- चरणजीत सिंह चन्नी ने फिल्म के सिख इतिहास को लेकर गलत तरीके से पेश करने के आरोप लगाए हैं।
- चन्नी ने कहा है कि फिल्म को एसजीपीसी की अनुमति के बिना रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।
- चन्नी ने फिल्म निर्माताओं को चेतावनी दी है कि एसजीपीसी की अनुमति के बिना ‘इमरजेंसी’ को किसी भी सिनेमाघर में प्रदर्शित नहीं करने दिया जाएगा।
- चन्नी का मानना है कि ‘इमरजेंसी’ में सिख इतिहास की सच्चाई को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।