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मेरठ, कृषि कानून को वापसी की मांग पर कई किसान संगठन दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन अलग-अलग किसान संगठनों के बीच दरार पड़ती नजर आ रही है। आल इंडिया किसान संघर्ष कमेटी ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक किसान नेता सरदार बीएम सिंह के बयान की निंदा करते हुए अपने आप को अलग कर लिया है। बता दें कि किसान नेता सरदार बीएम सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि कोई किसान संगठन बात करे या न करे, हम बातचीत के लिए तैयार हैं। मुख्य मांग एमएसपी की है। सरदार बीएम सिंह ने कहा कि यह ऐसा इसलिए कहा, उन्हें लगा कि आंदोलन अपने मूल विषय से भटक रहा है।

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किसान संगठनों ने आल इंडिया किसान संघर्ष कमेटी ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक किसान नेता सरदार बीएम सिंह के बयान की निंदा करते हुए अपने आप को अलग कर लिया है। नए कानून का विरोध लगातार जारी है।

संयुक्त किसान मोर्चा की मांगें

कृषि कानून रद्द किए जाएं, एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए, प्रस्तावित बिजली बिल रदद् किया जाए और पराली जलाने के मुद्दे पर किसानों का शोषण बंद किया जाए। इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा की कोई मांग नहीं है। हमारा किसी अन्य मांग से कोई लेना देना नहीं है।

बीकेयू भानु संगठन संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं है, चिल्ला बॉर्डर से हटने का फैसला बीकेयू भानु संगठन का निजी फैसला है, संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन का बीकेयू भानु संगठन से कोई लेना देना नहीं है। हमारा आंदोलन पहले की तरह ही चलता रहेगा।

किसान नेता वीएम सिंह द्वारा कल दिया गया बयान उनका अपना निजी बयान है, एआईकेएससीसी द्वारा मीटिंग कर के वीएम सिंह को संयोजक के पद से हटा दिया गया है। वीएम सिंह द्वारा दिये गए किसी भी बयान से संयुक्त किसान मोर्चा का कोई लेना देना नहीं है।