प्रशांत किशोर: बिहार में मुसलमानों को 40% टिकट, गांधी की विचारधारा को करें पुनर्जीवित
प्रशांत किशोर, जिन्होंने हाल ही में बिहार की राजनीति में अपना सिक्का आजमाने का फैसला लिया है, ने अपनी नई पार्टी, ‘जन सुराज’, के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी 2024 के बिहार विधानसभा चुनावों में कम से कम 40 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देगी. इससे पहले, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की कोर टीम में 4-5 मुस्लिम लोग शामिल होंगे.
यह घोषणा ‘राजनीति में मुसलमानों की भागीदारी’ विषय पर जन सुराज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की गई. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए.
मुस्लिम वोटों के महत्व को समझना
यह स्पष्ट है कि प्रशांत किशोर मुस्लिम वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं. बिहार में मुस्लिम आबादी काफी महत्वपूर्ण है और 2014 के बाद से भाजपा के राज में मुस्लिम समुदाय में नाराज़गी है. यह देखते हुए कि भाजपा ने 2020 के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की थी, यह स्पष्ट है कि प्रशांत किशोर, मुस्लिम वोटों को अपने साथ लाकर भाजपा को चुनौती देने का प्रयास कर रहे हैं.
राजनीतिक सौदेबाजी
यह ध्यान देने योग्य है कि मुस्लिम वोटों को जीतने के लिए, राजनीतिक दल अक्सर समुदाय के लोगों को अपने पक्ष में करने के लिए वादे करते हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि प्रशांत किशोर द्वारा मुस्लिम उम्मीदवारों को 40% टिकट देने का वादा सिर्फ वोटों के लिए है, या यह एक वास्तविक प्रतिबद्धता है.
गांधी की विचारधारा को पुनर्जीवित करने का आह्वान
प्रशांत किशोर ने कार्यक्रम में कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए गांधी, अम्बेडकर, लोहिया और जेपी की विचारधारा को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए गांधी की विचारधारा ही एकमात्र विकल्प है.
“नफरत की राजनीति के खिलाफ लड़ाई”
प्रशांत किशोर ने कहा कि “मैंने 2014 में नरेन्द्र मोदी को जिताने में कंधा लगाया था, लेकिन उसके बाद से मैं बीजेपी के खिलाफ लड़ रहा हूँ.” उन्होंने कहा कि मात्र 37 प्रतिशत वोटों से बीजेपी तीन बार दिल्ली में सरकार बना चुकी है, जबकि देश में 80 प्रतिशत हिन्दू आबादी है. इसका अर्थ है कि 40 प्रतिशत हिन्दुओं ने बीजेपी के खिलाफ वोट दिया है, जो “नफरत की राजनीति” के खिलाफ है.
प्रशांत किशोर ने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों के भविष्य के लिए गांधी और समाजवाद की विचारधारा से जुड़ें और बीजेपी को हराने में सहायक बनें.
एक नया अध्याय?
प्रशांत किशोर का ‘जन सुराज’ अभियान एक दिलचस्प प्रयोग है. यह एक सवाल खड़ा करता है कि क्या बिहार में एक नया राजनीतिक बदलाव संभव है. प्रशांत किशोर द्वारा मुस्लिम समुदाय को उनकी चिंताओं के प्रति संवेदनशील होना दिखाया गया है, यह बिहार की राजनीति में बहुत महत्वपूर्ण है. आगे देखना दिलचस्प होगा कि यह अभियान किसी महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन का कारण बनेगा या नहीं.
Takeaways
- प्रशांत किशोर बिहार में मुस्लिम वोटों के लिए एक आकर्षक उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं, जिससे भाजपा के लिए एक नई चुनौती बन रही है.
- उनकी ‘जन सुराज’ पार्टी 40% मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने का वादा करती है, जो मुस्लिम समुदाय को अपनी तरफ खींचने की एक महत्वपूर्ण रणनीति हो सकती है.
- प्रशांत किशोर गांधी की विचारधारा को पुनर्जीवित करने का आह्वान करते हैं, जो बीजेपी की “नफरत की राजनीति” के विरुद्ध एक प्रमुख विचार के रूप में देखा जा रहा है.
- अगला चुनाव यह निर्धारित करेगा कि प्रशांत किशोर का यह अभियान किसी अर्थपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन का कारण बन पाएगा या नहीं.