Home राष्ट्रीय बीजेपी का ‘जातीय जनगणना’ विरोध: तेजस्वी यादव ने किया तीखा हमला

बीजेपी का ‘जातीय जनगणना’ विरोध: तेजस्वी यादव ने किया तीखा हमला

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बीजेपी का 'जातीय जनगणना' विरोध: तेजस्वी यादव ने किया तीखा हमला
बीजेपी का 'जातीय जनगणना' विरोध: तेजस्वी यादव ने किया तीखा हमला

आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर बीजेपी का दोहरा चरित्र नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी जनगणना कराने के विरोध में है क्योंकि उसे जनता के असली आंकड़े नहीं दिखाना चाहती। यह उनके कथनी और करनी में तालमेल न होने का प्रमाण है।

जातिगत जनगणना का विरोध: बीजेपी का दोहरा चरित्र

तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी बार-बार जातीय जनगणना का विरोध कर रही है क्योंकि यह डरती है कि अगर जनगणना हुई तो उसकी सच्चाई सामने आ जाएगी। उनका कहना था कि बीजेपी के कार्यकर्ता अक्सर कोर्ट के दरवाजे पर जाती हैं और लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए साजिश रचते हैं।

तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी आरक्षण और संविधान में बदलाव करना चाहती है, यह बात उनके बयानों से स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी विदेशों में तो शांति और सद्भाव की बातें करते हैं, लेकिन भारत में उनकी पार्टी हिंसा और घृणा फैलाती है।

बीजेपी के एजेंडे को समझना ज़रूरी: तेजस्वी

तेजस्वी यादव का मानना ​​है कि बीजेपी केवल अपने राजनीतिक फायदे के लिए सामाजिक समूहों को बांटने की नीति अपना रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वो बीजेपी के एजेंडे को समझें और उसकी साजिशों को नकारें।

बीजेपी के विरोध के पीछे का सच

बीजेपी के जातीय जनगणना के विरोध को लेकर तेजस्वी यादव का तर्क है कि इस मुद्दे पर बीजेपी का एक छिपा हुआ एजेंडा है। उनका मानना ​​है कि बीजेपी यह समझती है कि जातीय जनगणना से समाज की असल तस्वीर सामने आएगी, जिसका उसे नुकसान हो सकता है।

जनसंख्या आंकड़े, आरक्षण, और समाज में असमानता

तेजस्वी यादव का कहना है कि जनगणना से जो आंकड़े सामने आएंगे, वो देश में मौजूद जातीय असमानता को स्पष्ट करेंगे। इससे आरक्षण की नीतियों का मूल्यांकन करने और समाज में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

राजनीति में जातीय मुद्दों का इस्तेमाल

यह मुद्दा केवल जातीय जनगणना तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राजनीति में जातीय मुद्दों का इस्तेमाल और उनसे होने वाले फायदों का सवाल भी है।

अल्पसंख्यक और हाशिए के समुदायों के लिए ज़रूरी

जातीय जनगणना देश में अल्पसंख्यक और हाशिए के समुदायों के लिए एक ज़रूरी उपकरण है। इससे उन्हें उचित प्रतिनिधित्व और अधिकार मिल सकते हैं।

सामाजिक न्याय के लिए महत्वपूर्ण

तेजस्वी यादव का मानना ​​है कि जातिगत जनगणना केवल आंकड़ों से जुड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय का सवाल है।

भेदभाव का अंत

उनका तर्क है कि अगर जनगणना नहीं होगी, तो समाज में छिपे हुए भेदभाव को खत्म नहीं किया जा सकता।

Take Away Points

  • तेजस्वी यादव का मानना है कि बीजेपी जातीय जनगणना का विरोध कर रही है क्योंकि इससे उनकी असल सच्चाई सामने आ सकती है।
  • तेजस्वी का कहना है कि बीजेपी आरक्षण और संविधान में बदलाव करना चाहती है।
  • तेजस्वी ने लोगों से बीजेपी के एजेंडे को समझने और उसके धोखे से बचने का आह्वान किया है।
  • तेजस्वी का मानना ​​है कि जातीय जनगणना समाज में मौजूद असमानता को दूर करने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
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