लखनऊ
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिला अस्पताल और मेडिकल काॅलेज में आवश्यकतानुसार मैनपावर बढ़ायी जाए तथा कोविड कार्य में कार्यरत कार्मिकों को 25 प्रतिशत अधिक मानदेय से लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (आई0सी0सी0सी0) को अधिक से अधिक प्रभावी किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता पडने पर तत्काल एम्बुलेंस मुहैया करायी जाए। किसी भी मरीज को बेड और चिकित्सीय सुविधा में कमी न होने पाए। कोई भी मरीज दवाई, बेड और आॅक्सीजन के अभाव मंे इधर-उधर न भटके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कण्टेनमेण्ट जोन के प्राविधानों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि 50 से कम कार्मिकों वाले औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्प डेस्क तथा 50 से अधिक कार्मिकों वाली औद्योगिक इकाइयों में कोविड केयर सेण्टर बनाया जाए। अधिकारी समय-समय पर ऐसे संस्थानों में स्थापित कोविड हेल्प डेस्क और केयर सेण्टर का निरीक्षण भी करें।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को वैक्सीनेशन की पहले से प्लानिंग करने के निर्देश दिए, जिससे सभी लोगों को समय से वैक्सीनेशन किया जा सके और वेस्टेज भी न हो। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन सेण्टर पर प्रतीक्षा क्षेत्र और आॅब्जर्विंग क्षेत्र अलग-अलग होने चाहिए। निजी चिकित्सालय, लैब और एम्बुलेंस नियमों का उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। बच्चों, महिलाओं और गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों के लिए अलग से नाॅन कोविड अस्पताल डेडिकेट किया जाए। इस कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सहारनपुर में 11 ऑक्सीजन प्लाण्ट स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी कोविड मरीज को ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाइयों की कमी न होने पाए। कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए और अफवाह फैलाने तथा माहौल बिगाड़ने वालों पर पैनी निगाह रखी जाए। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि जनपद में मेडिकल किट का वितरण शत-प्रतिशत कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। एक भी संदिग्ध और लक्षणयुक्त व्यक्ति मेडिकल किट से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियों के माध्यम से लक्षणयुक्त व्यक्ति को तत्काल मेडिकल किट मुहैया कराते हुए उनका नाम, फोन नम्बर, पता आदि की सूची तैयार कर तत्काल इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संदिग्ध और लक्षणयुक्त व्यक्ति का रैपिड रिस्पाॅन्स टीम के माध्यम से जल्द से जल्द जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों, लक्षणयुक्त व्यक्तियों की एक सूची जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध करायी जाए। जनपद में हो रहे सफाई, सैनिटाइजेशन और फाॅगिंग अभियान के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले कार्यों की सूची भी जनप्रतिनिधियों को दी जाए। जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्साधिकारी कोविड से सम्बन्धित मामलों और इस सम्बन्ध में की गई कार्यवाही की नियमित रूप से समीक्षा करें। साथ ही, जनप्रतिनिधियों के साथ निरन्तर संवाद बनाए रखें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निःशुल्क खाद्यान्न वितरण के माध्यम से अन्त्योदय व पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को राशन उपलब्ध कराने के साथ-साथ सत्यापन कर अन्य जरूरतमन्दों को भी राशन दिलाया जाए, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। उन्होंने कहा कि राशन वितरण के समय सोशल डिस्टेसिंग, मास्क, सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाए। गो-आश्रय स्थलों में अभी से ही चारे की पर्याप्त मात्रा सुरक्षित कर ली जाए। गो-आश्रय स्थलों में छाया, पानी, चारे, चिकित्सीय सुविधा के अभाव में किसी भी गोवंश की मृत्यु नहीं होनी चाहिए।
समीक्षा बैठक के दौरान गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री श्री सुरेश राणा, आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्म सिंह सैनी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से निरन्तर वार्ता कर, उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए।
मुख्यमंत्री जी ने जनपद सहारनपुर के भ्रमण के दौरान विकास खण्ड सरसावा के ग्राम सुराना में होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 मरीजों से संवाद किया। उन्होंने मरीजों को उपलब्ध करायी जा उपचार व्यवस्था व सुविधाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।
इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री जी ने ग्राम पंचायत बलवन्तपुर/सलेमपुर पहुंचकर निगरानी समिति के सदस्यों और स्वास्थ्य कर्मियों से संवाद किया। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियांे और निगरानी समिति के सदस्यांे से बाहर से आने वाले लोगांे, लक्षणयुक्त तथा कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित मरीजांे की देखभाल और पहचान के सम्बन्ध में फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि निगरानी समिति के सदस्यों ने घर-घर जाकर स्क्रीनिंग का कार्य किया। उन्होंने कहा कि स्क्रीनिंग के दौरान खांसी, बुखार, जुकाम या हरारत के लक्षणयुक्त चिन्ह्ति व्यक्तियों को समय से मेडिकल किट उपलब्ध कराकर सराहनीय कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसे परिवार, जिनके पास अलग रहने का कमरा और टाॅयलेट है, तो वे घर में ही रहें। उन्होंने कहा कि आइसोलेशन सेण्टर में रखे गए ऐसे लोग, जो अपने घर से भोजन लाने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें सरकार द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना और बरसात के मौसम में संक्रमण को रोकने के लिए सैनिटाइजेशन, साफ-सफाई, फाॅगिग आदि की निरन्तर कार्यवाही की आवश्यकता है। उन्होंने ग्रामीणों से आह्वान किया कि संक्रमण से निपटने के लिए सभी को मिलकर लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गांव के हर घर के प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जाए, जिससे कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने कहा कि जब गांव सुरक्षित होगा, तो प्रदेश और देश भी सुरक्षित हो जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने जनपद सहारनपुर भ्रमण के दौरान सर्किट हाउस में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता की। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, हेल्थ वर्कर्स, कोरोना वाॅरियर्स तथा समाज की विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों के प्रभावी सहयोग से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में निरन्तर कमी आ रही है। पाॅजिटिविटी की दर कम हुई है और रिकवरी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 24 अपै्रल को सर्वाधिक केस 38,055 आए थे और आज 9,000 केस आए हैं। टेªस, टेस्ट एण्ड ट्रीट के मंत्र से पिछले 16 दिनों में लगभग 01 लाख 61 हजार केस कम हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 4.5 करोड़ से अधिक टेस्ट किए जा चुके हंै।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 05 मई से ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समिति की टीम द्वारा डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग का कार्य किया जा रहा है। लक्षणयुक्त और संदिग्ध मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध करायी जा रही है। उनको होम आइसोलेशन, क्वारण्टीन सेण्टर अथवा हाॅस्पिटल में भेजने के लिए सूची तैयार कर रही है। ऐसे व्यक्तियों की 24 घण्टे के अन्दर रैपिड रिस्पाॅन्स टीम के द्वारा जांच करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को टेलीकंसल्टेशन की सुविधा तथा आवश्यता पड़ने पर उसे हाॅस्पिटल भेजने की व्यवस्था भी प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा वृहद स्तर पर की जा रही है। इस वैश्विक महामारी में बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है। इस सम्बन्ध में जागरूकता के विशेष अभियान संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना हारेगा, देश जीतेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इस माॅडल की विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग ने सराहना की है। नीति आयोग और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अन्य राज्यों से भी उत्तर प्रदेश के इस माॅडल को अपनाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि 30 अपै्रल को प्रदेश में 03 लाख 10 हजार एक्टिव केस थे और आज 01 लाख 49 हजार एक्टिव केस हंै। कोरोना के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है। प्रदेश के हर जनपद को आॅक्सीजन में आत्मनिर्भर होने के लिए प्रदेश में 300 आॅक्सीजन प्लाण्ट लगाये जा रहे हंै। जनपद सहारनपुर को आॅक्सीजन की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए यहां 11 नए आॅक्सीजन प्लाण्ट लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीनेशन का कार्य युद्धस्तर पर आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में अब तक 1.5 करोड़ वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। 45 वर्ष की आयु से अधिक के सभी लागों को भारत सरकार द्वारा निःशुल्क वैक्सीन दिया जा रहा है और 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों को राज्य सरकार निःशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराने का कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सहारनपुर मण्डल में 45 वर्ष से ऊपर के 05 लाख 49 हजार 132 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। जनपद सहारनपुर में 13 हजार 306 युवाओं का टीकाकरण किया गया है। कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए आंशिक कोरोना कफ्र्यू लागू किया गया है। इस दौरान आवश्यक और आपातकालीन सेवाएं, सब्जी और फल मण्डी, गेहूँ क्रय केन्द्र, उद्योग, चीनी मिलें संचालित हैं। उन्होंने कहा कि जनता को परेशानी न हो और भीड़ न हो, इसका विशेष ध्यान रखना है। किसी के सामने भुखमरी की समस्या न हो, इसलिए जनपदों में कम्युनिटी किचन संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में उपचार और भोजन की व्यवस्था की जा रही है। दैनिक काम करने वाले मजदूरों, स्ट्रीट वेण्डर, नाई, नाविक, मोची, धोबी आदि परम्परागत कामगारों की आजीविका प्रभावित न हो, इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा जून, जुलाई और अगस्त महीने तक निःशुल्क खाद्यान्न दिया जाएगा। इससे प्रदेश के लगभग 15 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। श्रमिक, स्ट्रीट वेण्डर, कुली, पल्लेदार आदि को 1,000 रुपए मासिक का भरण-पोषण भत्ता देने की भी व्यवस्था की गयी है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अन्तर्गत 20 मई, 2021 से निःशुल्क खाद्यान्न वितरण करने की व्यवस्था प्रारम्भ की जा रही है। प्रत्येक यूनिट में 05 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य के साथ-साथ उसके भोजन का भी ध्यान रख रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विशेषज्ञों की थर्ड वेव की आशंका को देखते हुए अभी से हर जनपद में तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। मेडिकल काॅलेज में 100 और जिला चिकित्सालय में 25 बेड आई0सी0यू0 के अलग से तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सी0एच0सी0 पर भी सभी आवश्यक तैयारी की जा रही हैं। जनता में जागरूकता पैदा करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा उपचार और दवाई की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाएगी। प्रत्येक जिले में पोस्ट कोविड वाॅर्ड में उपचार की सुविधा के लिए जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क कैटेगरी के लोग बाहर न निकलें। यदि अत्यन्त आवश्यक हो, तो मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ ही बाहर निकलें।