Republic Day 2023:- जानें किन देशों के संविधान से मिलकर बना है भारत का संविधान

देश- जब बात भारतीय संविधान की होती है। तो पहला सवाल यही उठाता है। कि आजादी के बाद भारत मे संविधान बनकर तैयार हुआ और इसने लोगों को मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य दिए। लेकिन ये अधिकारों वाला संविधान आखिर बनकर तैयार कैसे हुए यह बात लोगों को परेशान करती रहती है।
असल मे भारतीय संविधान कई देशों के संविधान और उनकी विचारधारा का समागम है। सरल शब्दों में कहें तो कई देशों की बेहतर चीजों को लेकर संविधान का निर्माण किया गया है। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं संविधान में क्या कहां से लिया गया है।
एकल नागरिकता प्रणाली-
ब्रिटेन आजादी के समय सबसे शक्तिशाली देश मे शामिल था। विश्व पर उसका राज चलता था। वहां एकल नागरिता व्यवस्था थी।
जब संविधान निर्माण हुआ और नागरिता के विषय में बात हुई तो संविधान सभा के सदस्यों ने विचार विमर्श किया और ब्रिटेन से एकल नागरिता प्रणाली को लिया।
इस व्यवस्था के मुताबिक भारत मे रहने वाले व्यक्ति के पास एक ही देश की नागरिकता हो सकती है। कोई भी व्यक्ति दोहरी नागरिता नही ग्रहण कर सकता है।
मौलिक अधिकार और न्यायिक स्वतंत्रता-
अमेरिका सदैव स्वतंत्र देश रहा है। यहां के लोगों के पास अपने निर्णय अपने मुताबिक लेने का अधिकार है। वहीं भारतीय संविधान में अमेरिका ने मौलिक अधिकार और न्यायिक स्वतंत्रता ली गई और भारत के लोगों को आजादी का मूल मंत्र बताया।
आपातकाल -
जब देश पर कोई संकट आए और परिस्थिति हमारे हाथ से बाहर हो जाएं। तो देश मे आपातकाल की घोषणा की जा सकती है। यह प्रणाली भारत ने जर्मनी से ली है।
गणत्रंतात्मक शासन व्यवस्था-
भारतीय संविधान में यह व्यवस्था फ्रांस से ली गई है।
राज्यों में शक्ति का विभाजन-
भारतीय संविधान में यह व्यवस्था कनाडा के संविधान से ली गई है।
नीति निदेशक तत्व-
भारतीय संविधान के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से लिये गए हैं।
समवर्ती सूची-
भारतीय संविधान में 11 अनुसूचियां हैं। वहीं समवर्ती सूची का कॉन्सेप्ट आस्ट्रेलिया के संविधान से ली गई हैं।
संविधान संशोधन की प्रक्रिया-
संविधान में संशोधन करने की प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से ली गई है।
मौलिक कर्तव्य-
भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्य का कॉन्सेप्ट रूस के संविधान से लिया गया है।