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इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: डीजीपी और एसएसपी को कोर्ट की अवमानना का सामना!

क्या आप जानते हैं कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को उनके द्वारा कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने के लिए कठघरे में खड़ा किया है? यह मामला बेहद चौंकाने वाला है और प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। आइये जानते हैं इस पूरे मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे छिपे तथ्य।

अलका सेठी का अवमानना आवेदन: न्याय की गुहार

यह मामला अलका सेठी नामक एक व्यक्ति के अवमानना आवेदन से जुड़ा हुआ है। सेठी ने आरोप लगाया है कि सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और अन्य अधिकारियों ने अदालत के स्पष्ट आदेशों के बावजूद उनकी शिकायत की जांच नहीं की। यह आरोप कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खुद हाईकोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। सेठी का कहना है कि पुलिस ने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया है, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

क्या है पूरा मामला?

सेठी की शिकायत राजस्व अधिकारियों के खिलाफ थी, जिनके विरुद्ध उन्होंने बिहारीगढ़ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी। उनकी शिकायतों में 12 अगस्त 2022 और 27 जनवरी 2023 को IGRS/डैशबोर्ड पर दर्ज की गई थी। अदालत ने 15 मई 2023 को सहारनपुर के बिहारीगढ़ पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था, साथ ही शिकायतों की उचित जांच करने का निर्देश भी दिया था।

हाईकोर्ट का सख्त रुख: डीजीपी और एसएसपी को तलब

अदालत ने डीजीपी और एसएसपी को कोर्ट के आदेशों की अवहेलना के लिए तलब किया है। यह एक बहुत ही गंभीर मामला है, क्योंकि प्रदेश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों पर ही कोर्ट के आदेशों को न मानने का आरोप लगा है। दोनों अधिकारियों को 27 जनवरी 2025 को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। उन्हें हलफनामा दाखिल करके यह स्पष्ट करना होगा कि अदालत के पहले दिए गए आदेशों का पालन क्यों नहीं किया गया।

क्या अदालत का यह फैसला एक महत्वपूर्ण संकेत है?

यह फैसला यह संकेत देता है कि अदालत किसी भी प्रकार की अवमानना को बर्दाश्त नहीं करेगी, चाहे वह किसी भी पद या ओहदे पर क्यों न हो। यह सभी अधिकारियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि उन्हें कानून का पालन करना होगा और अदालत के आदेशों का सम्मान करना होगा।

न्याय की लड़ाई जारी: सेठी की उम्मीदें

अलका सेठी की यह लड़ाई सभी उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जिनके साथ न्याय नहीं हो रहा है। उनकी जीत यह साबित करेगी कि किसी भी प्रकार के दबाव में आकर न्याय को कुचला नहीं जा सकता। उनकी लड़ाई न्याय की पुनः स्थापना की एक मिसाल है और आम जनता के लिए न्यायालय से उम्मीदें बढ़ाती है।

क्या सेठी को न्याय मिलेगा?

यह सवाल अब उठता है कि क्या अलका सेठी को अदालत से न्याय मिलेगा। अब यह मामला अदालत के निर्णय पर निर्भर करता है।

Take Away Points

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी और सहारनपुर के एसएसपी को कोर्ट के आदेश की अवहेलना के आरोप में तलब किया है।
  • यह मामला अलका सेठी के अवमानना आवेदन से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने पुलिस द्वारा उनकी शिकायतों की जांच नहीं करने का आरोप लगाया है।
  • अदालत ने 15 मई 2023 को सहारनपुर में एफआईआर दर्ज करने और शिकायतों की जांच का निर्देश दिया था।
  • डीजीपी और एसएसपी को 27 जनवरी 2025 को अदालत में पेश होना है।
  • यह फैसला कानून के शासन और न्यायपालिका के सम्मान का एक महत्वपूर्ण संकेत है।