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बिहार उपचुनाव परिणाम 2024: क्या ये सेमीफाइनल है?

बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चार सीटों (रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज) पर हुए उपचुनाव के नतीजे बेहद महत्वपूर्ण हैं. कई लोग इसे विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रहे हैं. सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन दोनों ही अपनी पूरी ताकत झोंक चुके हैं. प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने भी चुनाव मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जिससे चुनावी समीकरण और जटिल हो गए हैं. तो क्या इन नतीजों से बिहार की राजनीतिक तस्वीर साफ़ हो जाएगी? आइये विस्तार से जानते हैं.

रामगढ़ सीट: बीएसपी का चौंकाने वाला प्रदर्शन

रामगढ़ सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं. यहाँ बीएसपी के सतीश कुमार सिंह ने एनडीए और महागठबंधन दोनों को पछाड़ते हुए जीत हासिल की है। आरजेडी और बीजेपी के बीच मुख्य मुकाबला था लेकिन जनसुराज के उम्मीदवार ने आरजेडी के वोटों में कमी लाई जिसका फायदा बीएसपी को मिला. यह नतीजा वास्तव में चौंकाने वाला है और बिहार के राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है. इस सीट पर ब्राह्मण और कुशवाहा वोटों के बंटवारे ने परिणामों को प्रभावित किया. इस चुनाव में कई दिलचस्प बातें देखने को मिली जिनमे एक यह भी था कि बड़ी संख्या में ब्राह्मणों ने बीजेपी की जगह जनसुराज को वोट दिया है।

रामगढ़ उपचुनाव में क्या हुआ?

  • बीएसपी की जीत ने सबको चौंकाया
  • आरजेडी और बीजेपी के बीच कांटे का मुकाबला
  • जनसुराज ने वोटों का बंटवारा किया

तरारी सीट: बीजेपी की जीत, एनडीए की साख बरकरार

तरारी विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी विशाल प्रशांत की जीत से एनडीए ने राहत की सांस ली. यह सीट पहले माकपा का गढ़ मानी जाती थी लेकिन एनडीए की जीत ने यह साबित कर दिया कि उन्होंने काफी ज़ोरदार मेहनत की है. विशाल प्रशांत के पिता पूर्व बाहुबली विधायक सुनील पांडेय ने बेटे की जीत का दावा किया था जो सही भी साबित हुआ. तरारी में भाजपा को मिली सफलता पार्टी के लिए एक बड़ी जीत है. जनसुराज के किरण सिंह राजपूत ने भी वोटो में अपनी दावेदारी दिखायी।

तरारी में बीजेपी की जीत की मुख्य बातें

  • विशाल प्रशांत की जीत से एनडीए को बढ़ावा
  • पूर्व माकपा गढ़ में बीजेपी की सेंधमारी
  • जनसुराज पार्टी का भी प्रभाव

बेलागंज सीट: जेडीयू की जीत, लालू के लिए झटका

बेलागंज सीट पर जेडीयू की मनोरमा देवी की जीत ने लालू यादव के लिए एक झटका लगा है. बेलागंज आरजेडी की पारंपरिक सीट रही है और लालू यादव स्वयं प्रचार करने आए थे. लेकिन मनोरमा देवी की जीत से जेडीयू को काफी बल मिला है। यह इस बात का संकेत है कि भाजपा-जेडीयू गठबंधन लोकप्रिय है। मनोरमा देवी को सहानुभूति वोट भी मिले और उनकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस सीट पर यादव, मुस्लिम और मुसहर मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है और चुनाव में जनसुराज का प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में था.

बेलागंज में जेडीयू की जीत के प्रमुख कारण:

  • लालू यादव के लिए निराशा
  • सहानुभूति लहर ने भूमिका निभाई
  • जनसुराज के मुस्लिम चेहरे का प्रभाव

इमामगंज सीट: जीतन राम मांझी के परिवार की जीत, लेकिन नया प्रश्न चिह्न

इमामगंज में जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी की जीत से मांझी के लिए तो खुशी की बात रही परन्तु उनके परिवारवाद के आरोपों को हवा भी मिली है। दीपा मांझी के जीतने से मांझी समाज में उनकी स्थिति और मजबूत हुई है परन्तु विपक्ष द्वारा उनके पारिवारिक राजनीति की आलोचना जारी रहेगी। आरजेडी के रौशन मांझी के ख़िलाफ़ उनकी जीत बहुत प्रभावशाली रही है। यहां प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने पहला चुनाव लड़ा और इस सीट पर मुसहर, मुस्लिम और यादव वोटरों की महत्वपूर्ण संख्या है.

इमामगंज के चुनाव परिणाम:

  • दीपा मांझी की जीत, लेकिन परिवारवाद का प्रश्न
  • आरजेडी का कड़ा मुकाबला
  • जनसुराज की शुरुआत

Take Away Points

  • बिहार के उपचुनाव नतीजे बिहार की राजनीति में आने वाले बदलाव का संकेत देते हैं।
  • बीएसपी, जेडीयू और बीजेपी की जीत एनडीए और महागठबंधन के बीच संघर्ष को दिखाती है।
  • प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अपनी चुनावी ताकत दिखाई है।