Delhi Cabinet Reshuffle: दिल्ली की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच एक विवाद सामने आ रहा है. सूत्रों ने बताया कि दिल्ली कैबिनेट में फेरबदल से जुड़ी फाइल पिछले चार दिनों से एलजी ऑफिस में पड़ी है, लेकिन इस पर वीके सक्सेना ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं. हालांकि इन आरोपों को एलजी ऑफिस ने खारिज कर दिया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने गुरुवार (29 जून) को सूत्रों के हवाले से बताया कि पूर्व एलजी अनिल बैजल ऐसी फाइल को आधे घंटे में मंजूरी दे देते थे. इस पर उपराज्यपाल ऑफिस से जुड़े सूत्रों ने कहा कि हमने कैबिनेट में फेरबदल से जुड़ी फाइल पर बुधवार (28 जून) को ही साइन कर दिए हैं. इसे केजरीवाल सरकार को भेज दिया गया है. इसका जवाब देते हुए दिल्ली सरकार ने कहा कि हमें एलजी दफ्तर से अब तक फाइल नहीं मिली है.
दिल्ली सरकार में पहले हुए ये फेरबदल
दिल्ली सरकार में पिछले कुछ महीनों में मंत्री पदों पर फेरबदल हुआ है. शराब नीति मामले में जेल में बंद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद इस साल मार्च में ही सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने मंत्री पद की शपथ ली थी.
बता दें कि केंद्र के अध्यादेश को लेकर भी आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सरकार पर हमलावर है. केजरीवाल कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यादेश के जरिए उपराज्यपाल के माध्यम से शासन चलाना चाहते हैं. ये दिल्ली की चुनी हुई सरकार का अपमान है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था दिल्ली के अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास है, लेकिन केंद्र सरकार कुछ दिन बाद अध्यादेश ले आई.
अरविंद केजरीवाल और एलजी के बीच हुई बयानबाजी
अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मुफ्त सुविधा पर की गई टिप्पणी को लेकर भी उन पर निशाना साधा और कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी के मेहनतकश लोगों का अपमान नहीं करें. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित ‘दिल्ली 2041 – न्यू मास्टर प्लान’ नामक एक कार्यक्रम में बुधवार (28 जून) को सक्सेना ने कहा था कि दिल्ली के लोग अब मुफ्त चीजों के आदी हो गए हैं.