कलकत्ता उच्च न्यायालय(Calcutta High Court) की एकल न्यायाधीश(Justice) पीठ ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल(West Bangal) के प्रमुख बालिका विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को अदालत की अवमानना के आरोप में फटकार लगाई। पूर्व बर्दवान जिले के हरकीर्तिनगर बालिका विद्यालय(Harikirtinagar girls collage) की प्रधानाध्यापिका निरुपमा हाजरा(Principal Nirupama Hazara) पर चिकित्सा आधार पर उसी स्कूल के एक शिक्षक के तबादले की प्रक्रिया शुरू करने के अदालती आदेश(court order) का पालन नहीं करने पर अदालत की अवमानना के आरोप में 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
न्यायमूर्ति राजशेखर मांथा (Justice Rajshekhar mantha) की एकल पीठ ने आदेश सुनाते हुए निर्देश दिया कि या तो संबंधित प्रधानाध्यापिका को सात दिनों के भीतर जुर्माना भरना होगा, या अगले महीने के वेतन से इतनी ही राशि काट ली जाएगी। न्यायमूर्ति मंथा(Justice mantha) ने इस बाबत जिला विद्यालय निरीक्षक को भी स्पष्ट निर्देश दिया। मामला पिछले पांच साल से स्कूल में पढ़ाने वाली हमीदा खातून (Hameeda khatoon) transfer)की तबादला याचिका से जुड़ा है। वह दक्षिण 24 परगना जिले के गोकर्ण की रहने वाली हैं। पिछले साल, उसने चिकित्सा आधार पर अपने गृह जिले के अपने निवास के पास के किसी भी स्कूल में स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था।
खातून के वकील फिरदौस शमीम (Firdaushi shmeem) ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों(media) को बताया- कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर, उसने कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) से अपनी स्थानांतरण याचिका मंजूर करने की अपील की। अदालत ने पिछले साल अगस्त में संबंधित दस्तावेजों की जांच करने के बाद, स्कूल के अधिकारियों को छह सप्ताह के भीतर उसके स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था। हालांकि, तब से इस संबंध में कुछ भी नहीं किया गया, खातुन को अदालत की अवमानना याचिका के साथ फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
न्यायमूर्ति मंथा ने प्रधानाध्यापिका को शुक्रवार को न्यायालय में उपस्थित होने के लिए समन जारी किया था। जैसे ही वह पीठ के सामने पेश हुईं, न्यायमूर्ति मंथा ने अदालत से स्पष्ट आदेश के बाद भी तबादला प्रक्रिया शुरू करने में देरी के बारे में उनसे स्पष्टीकरण मांगा। लेकिन प्रधानाध्यापिका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं। इस बीच, स्कूल के जिला निरीक्षक ने अदालत को सूचित किया कि उनके कार्यालय को कुछ दिन पहले ही प्रधानाध्यापिका से स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। यह देखते हुए कि स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने में प्रधानाध्यापिका की ओर से देरी अदालत की अवमानना का स्पष्ट मामला था, न्यायमूर्ति मंथा ने उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।