देश– आज सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह की याचिका पर सुनवाई होने जा रही है। केंद्र द्वारा समलैंगिक विवाह के परिपेक्ष्य में पेश किए गए हलफनामे में इसका विरोध किया गया है। केंद्र ने 15 याचिकाओं का विरोध करते हुए परिवार और बच्चों की अवधारणा का तर्क दिया और कहा है कि समलैंगिक विवाह को मंजूरी नहीं दी जा सकती है। लेकिन इस परिपेक्ष्य में सुप्रीम कोर्ट का क्या निर्णय होगा इसका इंतजार समलैंगिक जोड़ो को है।
अगर हम समलैंगिक विवाह की बात करें तो भारत कुछ नया नहीं करने जा रहा है। भारत से पहले भी कई देश समलैंगिक विवाह को वैध ठहरा चुके हैं। अगर हम पूरी दुनिया के आंकड़े की बात करें तो 30 ऐसे देश हैं समलैंगिक विवाह को मंजूरी देते हैं।
लेकिन एशिया के देशों में अभी समलैंगिक विवाह को लेकर अलग तरह का मत बना हुआ है। समाज इसे स्वीकृति नहीं दे रहा है। वहीं लोगों को लगता है कि यह समाज को विपरीत दिशा में धकेल रहा है। एशिया के देशों में के कई देशों ने इसे बैन कर रखा है।इंडोनेशिया, हॉन्गकॉन्ग में समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध लगा है।
वहीं अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राज़िल, कनाडा, कोलंबिया, कोस्टा रिका, डेनमार्क, इक्वेडोर, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड, आयरलैंड, लक्समबर्ग, माल्टा, मेक्सिको, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, ताइवान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य में समलैंगिक विवाह करना कोई बड़ी बात नहीं है। क्योंकि यह देश समलैंगिक विवाह को वैध मानते हैं।