नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और असम अकॉर्ड पर सरकार के साथ तीखी नोक-झोंक के बाद कांग्रेस के विधायकों ने बुधवार को असम विधानसभा से बहिर्गमन किया। सदन में विपक्ष के नेता देबब्रत सायकिया ने प्रश्नकाल में पूछा था कि क्या सीएए ने 1985 के असम अकॉर्ड के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इस प्रश्न के उत्तर में राज्य के गृह मंत्री अतुल बोरा ने कहा, कांग्रेस इतने साल तक केंद्र और राज्य में सरकार में रहकर क्या कर रही थी?
कांग्रेस विधायकों ने बोरा के बयान का विरोध किया और सदन से बाहर चले गए। असम अकॉर्ड 1985 में केंद्र सरकार, असम सरकार और असम आंदोलन के नेताओं के बीच हुआ त्रिपक्षीय समझौता है। इसके अनुसार, देश में 25 मार्च 1971 या उसके बाद आने वाले शरणार्थियों और प्रवासियों की पहचान की जानी है। बंगलादेश मुक्ति युद्ध के दौरान 1971 में बड़ी संख्या में शरणार्थी असम, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य पड़ोसी राज्यों में आए थे।
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