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देश : सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में भारतीय राजस्व सेवा के एक अधिकारी को हाईकोर्ट की ओर से मिली अग्रिम ज़मानत को ख़ारिज कर दिया है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, भ्रष्टाचार सम्पूर्ण समाज के लिए खतरा है। इससे समाज प्रभावित होता है, सरकारी खजाने का नुकसान होता है और सुशासन डगमगाता है।  

जानकारी के लिए बता दें जस्टिस सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने आईआरएस अधिकारी संतोष करनानी को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका रद्द कर दी है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कहा है की उच्च न्यायालय को अपराध की गंभीरता पर ध्यान देकर कोई निर्णय लेना चाहिए था। 

कोर्ट ने आगे कहा, ठीक कहा गया है कि भ्रष्टाचार एक ऐसा वृक्ष है जिसकी शाखाओं ने अपने पैर हर तरफ फैला रखे हैं। कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं है।  हमे इससे निपटने के लिए अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। यह समाज को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इससे न सिर्फ सरकारी खजाने को नुकसान होता है अपितु यह सरकारी योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुँचाने देता और समाज इससे प्रभावित होता रहता है। 

बता दें  मामला गुजरात के अहमदाबाद का है जहां पुलिस ने एक आईआरएस अधिकारी से 30 लाख रुपए की रिश्वत की रकम जब्त की। पुलिस ने मामला एसीबी को सौंप दिया था। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने आईआरएस अधिकारी पर आरोप लगाया था कि आयकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर करनानी ने कंपनी से 30 लाख की रिश्वत मांगी थी।