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Congress On Delhi Ordinance 2023: दिल्ली में लाए गए केंद्र के अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी (AAP) को कांग्रेस (Congress) का साथ मिल सकता है. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस 16 जुलाई को केंद्र के अध्यादेश का विरोध करने का ऐलान कर सकती है. कांग्रेस ने 16 जुलाई को संसदीय रणनीति समूह की बैठक बुलाई है. जिसके बाद पार्टी अपना रुख साफ कर सकती है.

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की ओर से अध्यादेश का विरोध करने का ऐलान करने के बाद अरविंद केजरीवाल बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल हो सकते हैं. बीते मई के महीने में केंद्र सरकार ने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था. 

आप कर रही केंद्र के अध्यादेश का विरोध

केंद्र के इस अध्यादेश से कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था. आम आदमी पार्टी इस अध्यादेश का पुरजोर विरोध कर रही है. केजरीवाल सरकार का आरोप है कि ये अध्यादेश असंवैधानिक है और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही है. 

विपक्षी नेताओं से मिले अरविंद केजरीवाल

आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं. उन्होंने बीते दिनों बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी चीफ शरद पवार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन समेत कई नेताओं से मुलाकात की है. लगभग सभी नेताओं ने उनका समर्थन करने की बात कही. 

कांग्रेस से भी मांगा था समर्थन

अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर समर्थन के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा था. हालांकि ये मुलाकात नहीं हो पाई. 23 जून को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में भी सीएम केजरीवाल ने ये मुद्दा उठाया था और कांग्रेस से इसपर रुख साफ करने को कहा था.