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दिल्ली चुनाव: क्या इंडिया ब्लॉक में दरारें दिख रही हैं?

दिल्ली विधानसभा चुनावों में एक दिलचस्प घटनाक्रम देखने को मिल रहा है, जो इंडिया ब्लॉक के भविष्य पर सवाल उठा रहा है। आम आदमी पार्टी (आप) का मुकाबला भाजपा से है, लेकिन हालिया घटनाक्रमों से पता चलता है कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के रिश्तों में भी दरार आ रही है। क्या यह इंडिया ब्लॉक के लिए एक खतरे की घंटी है? आइए, विस्तार से समझते हैं।

ममता बनर्जी और अखिलेश यादव का समर्थन

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी का समर्थन किया है। केजरीवाल ने दोनों नेताओं का आभार जताया है। यह समर्थन कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर तब जब कांग्रेस खुद दिल्ली में चुनाव लड़ रही है। क्या यह इंडिया गठबंधन में दरार का संकेत है?

कांग्रेस की असमंजस

दिल्ली में कांग्रेस का रुख इस गठबंधन की जटिलता को दर्शाता है। एक तरफ, वो इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है और दूसरे विपक्षी दलों के साथ मिलकर काम करने का दावा करती है, लेकिन दूसरी तरफ, वो दिल्ली चुनाव में अकेले दम पर लड़ रही है, जबकि आप को ममता और अखिलेश जैसे नेताओं का समर्थन मिल रहा है। क्या कांग्रेस अपनी रणनीति को लेकर असमंजस में है? क्या वो इंडिया ब्लॉक के अन्य घटकों को नजरअंदाज कर रही है?

मिल्कीपुर उपचुनाव का विरोधाभास

मिल्कीपुर उपचुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया, जो इस पूरे मामले को और जटिल बनाता है। यह दिल्ली चुनाव में अखिलेश यादव के रुख के विपरीत है। क्या कांग्रेस का यह दोहरा रवैया इंडिया ब्लॉक की एकता पर सवाल नहीं उठाता? क्या यह राजनीतिक स्वार्थ का परिणाम है?

क्या होगा इंडिया ब्लॉक का भविष्य?

दिल्ली चुनाव में इस तरह के घटनाक्रम इंडिया ब्लॉक के भविष्य के लिए चिंता का विषय हैं। अगर प्रमुख घटक दल अपने आप में ही मतभेदों से जूझते रहेंगे तो लोकसभा चुनाव में कैसे मिलकर काम करेंगे? क्या इंडिया ब्लॉक की एकता आगे चलकर बनी रहेगी, या ये दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद बिखर जाएगा?

टेक अवे पॉइंट्स

  • दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक के भीतर अंतर्विरोध स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं।
  • ममता बनर्जी और अखिलेश यादव का आप को समर्थन कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है।
  • मिल्कीपुर उपचुनाव और दिल्ली चुनाव में अलग-अलग रुख से इंडिया ब्लॉक की एकता पर सवाल उठते हैं।
  • दिल्ली चुनाव के नतीजे इंडिया ब्लॉक के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।

यह दिल्ली चुनाव सिर्फ़ दिल्ली का चुनाव नहीं, बल्कि पूरे इंडिया ब्लॉक के लिए एक परीक्षा है। समय ही बताएगा कि इंडिया ब्लॉक की एकता कितनी मज़बूत है।