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वैश्विक सुरक्षा पहल से चीन को उम्मीद रखना बेमानी नहीं

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अप्रैल 2022 में जब चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने वैश्विक सुरक्षा(International security) की पहल को लेकर अपना विचार दिया था तो दुनिया के कई देशों में इसकी ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया था। ऐसा माना गया कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग का यह प्रस्ताव वक्त के गर्द में डूब जाएगा। लेकिन चीन सरकार इस दिशा में काम करती रही। इसका ही नतीजा है कि जब पूरी दुनिया मातृभाषा दिवस मना रही थी, चीन सरकार ने 21 फरवरी को वैश्विक सुरक्षा पहल का अवधारणा पत्र जारी किया।

वैश्विक सुरक्षा पहल में चीन सरकार(Government og chinna) ने दुनिया के सामने सहयोग के लिए एक रोड मैप पेश किया है, जिसके तहत बीस प्रमुख क्षेत्रों और बिंदुओं पर वैश्विक सहयोग की बात की गई है। मानवता के लिहाज सुरक्षा हर व्यक्ति की जरूरत है और इसे लेकर वैश्विक स्तर पर एकरूपता होनी चाहिए। शायद चीन सरकार ऐसी ही सोच पर आगे बढ़ रही है। शायद यही वजह है कि वैश्विक सुरक्षा पहल में चीन ने दुनिया से उम्मीद की है कि वह सामान्य तरीके से व्यापक स्तर पर सहयोगी, किंतु टिकाऊ सुरक्षा की अवधारणा पर आगे बढ़े। इस पहल की खास बात यह भी है कि इसमें वैश्विक स्तर पर हर देश की संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता के सम्मान की भी बात की गई है।

वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए अक्सर कहा जाता है कि संयुक्त राष्ट्र अपने गठन के उद्देश्यों को पूरा करने में नाकाम हुआ है। चीन की वैश्विक सुरक्षा पहल में दुनिया के सभी देशों से अपील की गई है कि वे संयुक्त राष्ट्र उद्देश्यों और सिद्धांतों का पालन करें। संभवत: चीन को लगता है कि संयुक्त राष्ट्र के उद्देश्यों का ईमानदारी से पालन ही दुनिया में शांति और सुरक्षा की गारंटी दे सकता है। जब संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्यों का पालन होगा, वैश्विक स्तर पर मानवीय सुरक्षा की गारंटी होगी तो फिर युद्ध की कोई जरूरत ही नहीं रहेगी। शायद यही कारण है कि चीन ने अपनी इस पहल में दुनिया से शांतिपूर्ण तरीकों से देशों के आपसी मतभेदों और विवादों को हल करने की भी अपील की गई है। इसके साथ ही चीन सरकार ने इस पहल में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में सुरक्षा को बनाए रखने पर भी जोर दिया है। कहना न होगा कि ये सारे प्रस्ताव मानवता के लिहाज से ज्यादा मुफीद हैं।

राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पहल के बाद से दुनिया के करीब 80 देशों का इसे समर्थन मिल चुका है। चीन को ऐसे यह उम्मीद करना बेमानी नहीं है कि इसे और देशों का साथ मिलेगा। क्योंकि यह वैश्विक सुरक्षा और सहयोग के साथ ही सहकार की भावना से जुड़ा मामला है। चूंकि सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और मानवता को बचाने की ओर आज दुनिया का ध्यान कहीं ज्यादा है, इसलिए इस पहल से चीन सरकार को वैश्विक समर्थन की उम्मीद करना सहज ही है।

(लेखक: उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ भारतीय पत्रकार)

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